केंद्रीय नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रहलाद जोशी ने आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सतत् भविष्य के दृष्टिकोण के अनुरूप 2030 तक 50 प्रतिशत गैर-जीवाश्म ऊर्जा में स्थानांतरित होने की भारत की प्रतिबद्धता की पुष्टि की।
मुंबई में भारत के नवीकरणीय ऊर्जा एजेंडे को आगे बढ़ाने पर क्षेत्रीय कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में बोलते हुए, प्रहलाद जोशी ने इस बात पर जोर दिया कि भारत, नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों की प्रचुरता के साथ, तकनीकी प्रगति के माध्यम से हरित ऊर्जा क्षेत्र को आर्थिक रूप से व्यवहार्य बनाने पर केंद्रित है।
मंत्री ने आगे कहा कि हरित ऊर्जा से बने उत्पादों की वैश्विक मांग बढ़ने की उम्मीद है, और भारत का लक्ष्य इस बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए अपने विशाल नवीकरणीय संसाधनों का लाभ उठाना है।
उन्होंने यह भी बताया कि कार्यशाला का लक्ष्य प्रयासों में तेजी लाना, चुनौतियों का समाधान करना और आत्मनिर्भर और सतत ऊर्जा भविष्य के लिए प्रभावी निष्पादन सुनिश्चित करना है।
केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा राज्य मंत्री श्रीपद येसो नाइक ने भारत के महत्वाकांक्षी नवीकरणीय ऊर्जा विस्तार लक्ष्यों को रेखांकित किया, जिसमें 2030 तक 500 गीगावाट और 2047 तक 1,800 गीगावाट शामिल हैं।
श्रीपद येसो नाइक ने प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत के सौर ऊर्जा क्षेत्र में हो रहे परिवर्तन की सराहना की। गुजरात के ऊर्जा मंत्री कनुभाई मोहनलाल देसाई, महाराष्ट्र के नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री अतुल मोरेश्वर सावे, गोवा के नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री सुदीन धवलीकर और विभिन्न क्षेत्र के हितधारकों ने भी कार्यशाला में भाग लिया।
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