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राष्ट्रपति मुर्मु कल नई दिल्ली में 8वें भारत जल सप्ताह (IWW) का उद्घाटन करेंगी

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु 17 सितंबर, 2024 को नई दिल्ली में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सी.आर. पाटिल और राज्य मंत्री राज भूषण चौधरी की गरिमामयी उपस्थिति में 8वें भारत जल सप्ताह-2024 का उद्घाटन करेंगी। यह अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रम जल शक्ति मंत्रालय द्वारा 17 से 20 सितंबर 2024 तक भारत मंडपम, नई दिल्ली में आयोजित किया जा रहा है।

इस कार्यक्रम में विभिन्न देशों के जल संसाधन क्षेत्र के विशेषज्ञों सहित प्रतिष्ठित प्रतिनिधियों के साथ-साथ केंद्र और राज्य सरकारों के मंत्री और वरिष्ठ अधिकारी, विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों के विद्वान, गैर-सरकारी संगठनों और समाज के प्रतिनिधि भाग लेंगे।

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मीडिया को संबोधित करते हुए, सचिव (जल शक्ति), देबश्री मुख़र्जी ने बताया कि 8वें भारत जल सप्ताह- 2024 का विषय ‘समावेशी जल विकास और प्रबंधन के लिए साझेदारी और सहयोग’ है। उन्होंने कहा कि हमारा विषय- स्थायी जल प्रबंधन प्राप्त करने के लिए सभी क्षेत्रों और स्तरों पर सहयोग की आवश्यकता होती है- जो एक बुनियादी सच्चाई को रेखांकित करता है।

उन्होंने बताया कि भारत जल सप्ताह-2024 की अवधारणा जल शक्ति मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा एक नई अवधारणा के रूप में की गई थी, जिसका उद्देश्य नियमित और व्यवस्थित चर्चा शुरू करना और सेमिनार, प्रदर्शनी और अन्य समानांतर सत्रों के माध्यम से प्रतिष्ठित हितधारकों के साथ बातचीत करना था, जिसका उद्देश्य जन जागरूकता पैदा करना, उपलब्ध जल के संरक्षण, बचाव और इष्टतम उपयोग के लिए प्रमुख रणनीतियों को लागू करने के लिए समर्थन प्राप्त करना था।

8वें भारत जल सप्ताह-2024 में उपरोक्त सत्रों के अलावा एक सांस्कृतिक कार्यक्रम और अध्ययन भ्रमण भी शामिल है, जो नेटवर्किंग, ज्ञान के आदान-प्रदान और नवाचारों को प्रदर्शित करने के लिए पर्याप्त अवसर प्रदान करेगा। इस कार्यक्रम का उद्देश्य पारंपरिक समाधानों से परे सोचना और ऐसे नवीन दृष्टिकोणों की खोज करना है जो 21वीं सदी में जल प्रबंधन की जटिलताओं को संबोधित कर सकें।

इस कार्यक्रम के मुख्य आकर्षण होंगे-

  • उद्घाटन सत्र और मंत्रिस्तरीय बैठक, जहां मंत्रीगण जल क्षेत्र पर अपने परिपेक्ष्य और दृष्टिकोण साझा करेंगे;
  • वैश्विक जल नेताओं की बैठक, जहां जल क्षेत्र के वैश्विक विशेषज्ञ जल क्षेत्र के लिए अपने व्यावहारिक और विचारोत्तेजक विचार साझा करेंगे;
  • प्रमुख विषयगत क्षेत्रों को कवर करने वाला जल नेताओं का मंच, जहां सार्वजनिक, निजी और गैर-सरकारी क्षेत्र से विशेषज्ञ शामिल होंगे;
  • डेनमार्क, इज़राइल, ऑस्ट्रेलिया, सिंगापुर आदि देशों के साथ कंट्री फोरम;
  • प्रैक्टिशनर्स फोरम, जहां सरकारी, निजी और गैर-सरकारी विशेषज्ञ जल क्षेत्र के कार्यक्रमों और पहलों को लागू करने के अनुभव साझा करेंगे, जिसमें सर्वोत्तम प्रथाओं पर प्रकाश डाला जाएगा;
  • जल सम्मेलन, जहां विभिन्न विषयों पर शोधपत्र प्रस्तुत किए जाएंगे;
  • स्टार्टअप फोरम, जहां स्टार्टअप को जल क्षेत्र में अपने विचारों को प्रस्तुत करने का अवसर मिलेगा;
  • प्रदर्शनी 4,800 वर्ग मीटर में फैली हुई है – जिसमें ऑस्ट्रेलिया, बांग्लादेश, कनाडा, कोलंबिया, यूके, अमेरीका, कई अफ्रीकी देशों आदि जैसे कई देशों से उच्च तकनीक समाधान और प्रौद्योगिकियां प्रदर्शित की गई हैं;
  • समापन सत्र आईडब्ल्यूडब्ल्यू-2024 की प्रमुख अंतर्दृष्टि और परिणामों पर विचार करेगा;
  • इन कार्यक्रमों और सम्मेलन सत्रों में दुनिया भर के 5000 से अधिक प्रतिनिधि भाग लेंगे।

इसके अलावा, आईडब्ल्यूडब्ल्यू -2024 के दौरान पेयजल और स्वच्छता विभाग (डीडीडब्ल्यूएस), जल शक्ति मंत्रालय, अंतर्राष्ट्रीय डब्ल्यूएएसएच सम्मेलन का आयोजन करेगा। यह कार्यक्रम जल, स्वच्छता और आरोग्य (डब्ल्यूएएसएच) पर ज्ञान के आदान-प्रदान और पारस्परिक शिक्षा के लिए एक वैश्विक मंच प्रदान करेगा।

आयोजन भागीदार

आईडब्ल्यूडब्ल्यू – 2024 का आयोजन नोडल मंत्रालयों/विभागों क्रमश :जल एवं स्वच्छता विभाग, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, विद्युत मंत्रालय, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय, आवास और शहरी मामलों का मंत्रालय, ग्रामीण विकास मंत्रालय, संबंधित राज्य सरकार के विभाग, संबंधित विशेषज्ञ संगठन, प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय निकाय, निजी एवं सार्वजनिक व्यावसायिक समूह आदि के सहयोग से किया जा रहा है।

आईडब्ल्यूडब्ल्यू -2024 ने जल क्षेत्र में सक्रिय रूप से शामिल कुछ महत्वपूर्ण संगठनों को आमंत्रित किया है, जैसे कि अंतर्राष्ट्रीय सिंचाई एवं जल निकासी आयोग (आईसीआईडी), विश्व बैंक, एशियाई विकास बैंक (एडीबी), इंडिया वाटर फाउंडेशन (आईडब्ल्यूएफ), विश्व जल परिषद (डब्ल्यूडब्ल्यूसी), अंतर्राष्ट्रीय जल प्रबंधन संस्थान (आई डब्ल्यूएमआई), एसोचैम, भारतीय वाणिज्य मंडल (आीसीसी) आदि। ये संगठन ज्ञान भागीदार के रूप में वर्तमान विषयों पर ध्यान केंद्रित करने और विचार-विमर्श करने के लिए अपार विशेषज्ञता लेकर आएंगे।

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