संसद के दोनों सदनों में आज लगातार पांचवें दिन विभिन्न मुद्दों पर विपक्ष के हंगामे के कारण कामकाज में रूकावट आई। दोनों सदनों की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित कर दी गई है। विपक्ष ने एक प्रमुख व्यापारिक समूह के खिलाफ कथित रिश्वतखोरी के आरोपों और उत्तर प्रदेश के संभल में हिंसा सहित विभिन्न मुद्दों को लेकर हंगामा किया।
इस कारण कार्यवाही पहले दोपहर 12 बजे तक और फिर दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई। लोकसभा की कार्यवाही सवेरे शुरू होते ही विपक्षी सांसद एक व्यापारिक समूह के खिलाफ कथित रिश्वतखोरी के आरोपों, संभल में हिंसा और मणिपुर की स्थिति सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की मांग को लेकर खड़े हो गए।
अध्यक्ष ओम बिरला ने प्रश्नकाल शुरू करने की कोशिश की, लेकिन विपक्ष की नारेबाजी जारी रही। कांग्रेस, वाम दलों और डीएमके के कई विपक्षी सदस्य सदन के बीचोंबीच आकर नारे लगाने लगे। इसके बाद अध्यक्ष ने कार्यवाही 12 बजे तक स्थगित कर दी। जब कार्यवाही दोबारा शुरू हुई तब भी विपक्ष का हंगामा जारी रहा। शोर-शराबे के बीच जहाजरानी मंत्री सर्बानन्द सोनोवाल ने तटीय जहाजरानी विधेयक 2024 पेश किया।
पीठासीन अधिकारी ने विभिन्न मुद्दो पर विपक्ष के स्थगन नोटिस को नामंजूर कर दिया और हंगामा कर रहे सदस्यों से अपील की कि वे सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से चलने दें लेकिन विपक्ष पर इसका कोई असर नहीं हुआ। वे एक व्यापारिक समूह के खिलाफ कथित रिश्वतखोरी, संभल में हिंसा और मणिपुर की स्थिति सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की मांग करते रहे। अध्यक्ष ओम बिरला ने प्रश्न काल चलाने की कोशिश की लेकिन विपक्ष का हंगामा जारी रहा।
उधर राज्यसभा में भी विपक्ष ने इन्हीं मुद्दों को लेकर हंगामा किया। कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, आम आदमी पार्टी, डीएमके के सदस्यों के हंगामे के बीच सभापति जगदीप धनखड़ ने प्रश्न काल चलाने की कोशिश की लेकिन यह संभव नहीं हो पाया इसलिए सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई।
इससे पहले सवेरे जब कार्यवाही शुरू हुई तो सभापति ने विपक्षी सांसदों द्वारा दिए गए स्थगन नोटिस को खारिज कर दिया। सभापति ने सदस्यों से सदन की कार्यवाही चलने देने का आग्रह किया, लेकिन शोर-शराबा जारी रहा, जिसके बाद सदन की कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।