भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंकों और अन्य विनियमित ऋणदाताओं को गैर-व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए व्यक्तियों द्वारा लिए गए फ्लोटिंग रेट ऋण पर पूर्व-भुगतान जुर्माना लगाने से प्रतिबंधित कर दिया है। ऋण पर पूर्व-भुगतान शुल्क संबंधी नया नियम, 2025 अगले वर्ष से प्रभावी होगा। इसका उद्देश्य पारदर्शिता और उधारकर्ताओं के लचीलेपन को बढ़ावा देना है। यह निर्देश भुगतान बैंकों, सहकारी बैंकों, एनबीएफसी और अखिल भारतीय वित्तीय संस्थानों को छोड़कर वाणिज्यिक बैंकों पर लागू होगा।
छूट इस बात पर ध्यान दिए बिना लागू होती है कि ऋण पूरी तरह से या आंशिक रूप से चुकाया गया है, धन का स्रोत या सह-दायित्वकर्ता मौजूद हैं। इसमें दोहरे और विशेष दर वाले ऋण भी शामिल हैं, यदि वे पुनर्भुगतान के समय फ्लोटिंग दर पर हैं। कोई न्यूनतम लॉक-इन अवधि की आवश्यकता नहीं है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 29 अगस्त से 1 सितंबर, 2025 तक जापान और चीन की यात्रा…
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज पश्चिम बंगाल के कोलकाता में 5,200 करोड़ रुपये से अधिक…
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने वाणिज्य विभाग के तहत बागान बोर्डों -…
नीति आयोग ने आज इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आईएएमएआई) के सहयोग से 'रीथिंकिंग…
एक उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल करते हुए भारत को एशिया-प्रशांत प्रसारण विकास संस्थान (एआईबीडी) के कार्यकारी…
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज बिहार के गया में 12,000 करोड़ रुपये की लागत वाली…