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पीएम गतिशक्ति के तहत नेटवर्क योजना समूह की 77वीं बैठक में छह बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का मूल्यांकन किया गया

पीएम गतिशक्ति पहल के तहत नेटवर्क योजना समूह (एनपीजी) की 77वीं बैठक का कल नई दिल्ली में उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) के अपर सचिव राजीव सिंह ठाकुर की अध्यक्षता में आयोजन किया गया। इस बैठक में रेल मंत्रालय, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, नागर विमानन मंत्रालय और पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय की छह महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के मूल्यांकन पर ध्यान केंद्रित किया गया। इन परियोजनाओं का मूल्यांकन पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान (एनएमपी) में उल्लिखित एकीकृत योजना के सिद्धांतों के साथ उनकी अनुरूपता के लिए किया गया। इन परियोजनाओं का मूल्यांकन और उनके अनुमानित प्रभाव नीचे विस्तार से दिए गए हैं।

गुजरात में हजीरा-गोथंगम नई रेल लाइन

गुजरात में यह एक ग्रीनफील्ड परियोजना है, जिसमें गोथांगम को हजीरा से जोड़ने वाली 36.35 किलोमीटर लम्‍बी ब्रॉड गेज (बीजी) डबल लाइन का निर्माण शामिल है। इस परियोजना का उद्देश्य सेक्शन क्षमता को बढ़ाना और प्रमुख उद्योगों तथा एक प्रमुख कार्गो हब हजीरा बंदरगाह के बीच कनेक्टिविटी को बेहतर करना है। थोक और कंटेनरयुक्त कार्गो की कुशल आवाजाही में सहायता मिलने से यह परियोजना क्षेत्रीय आर्थिक विकास में सहायता प्रदान करेगी। इससे सड़क यातायात में कमी आने और रेल परिवहन के लिए कार्गो के मॉडल में बदलाव के माध्यम से पर्यावरणीय प्रभाव भी कम होने की उम्मीद है।

असम में बिलासीपारा – गुवाहाटी रोड

असम में 4-लेन राष्‍ट्रीय राजमार्ग-17 में एक रणनीतिक सड़क के उन्नयन में चिरकुटा (बिलासीपारा) और तुलुंगिया के बीच 44.56 किलोमीटर लम्‍बा हिस्सा शामिल है। यह परियोजना असम को पश्चिम बंगाल, मेघालय और जोगीघोपा और रूपसी में मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क और गुवाहाटी हवाई अड्डों जैसे महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे को जोड़ते हुए क्षेत्रीय संपर्क को बढ़ाएगी। इससे आर्थिक गतिविधियों को काफी बढ़ावा मिलेगा और यात्रा में कम समय लगेगा जिससे इस क्षेत्र में भीड़भाड़ कम होने की उम्मीद है।

नासिक, महाराष्ट्र में मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क (एमएमएलपी)

इस परियोजना में महाराष्ट्र के नासिक में 109.97 एकड़ में मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क (एमएमएलपी) का विकास शामिल है। इस ग्रीनफील्ड परियोजना को सड़क और रेल परिवहन को एकीकृत करने, लॉजिस्टिक्स दक्षता को बेहतर बनाने, लागत कम करने और कार्गो समेकन, भंडारण तथा सीमा शुल्क मंजूरी जैसी सुविधाएं प्रदान करके क्षेत्रीय उद्योगों की सहायता करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इस परियोजना से वर्ष 2029 से प्रति वर्ष 3.11 मिलियन मीट्रिक टन कार्गो का रख-रखाव होने का अनुमान है।

बिहटा हवाई अड्डे, पटना बिहार में नए सिविल एन्क्लेव का विकास

इस परियोजना के तहत बिहार में एक ब्राउनफील्ड परियोजना में पटना के जय प्रकाश नारायण अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से 28 किलोमीटर दूर बिहटा एयरफील्ड में एक नए सिविल एन्क्लेव का विकास शामिल है। यह परियोजना पटना हवाई अड्डे पर क्षमता की कमी को पूरा करेगी। परियेाजना के तहत प्रति वर्ष 5 मिलियन यात्रियों को संभालने के लिए एक नए टर्मिनल भवन का निर्माण किया जाएगा। इस परियोजना में ए-321 विमानों के लिए 10-बे एप्रन का निर्माण भी शामिल है, जिसका उद्देश्य बढ़ते हुए यात्री यातायात को समायोजित करना और क्षेत्र में कनेक्टिविटी में सुधार करना है।

बागडोगरा हवाई अड्डे, सिलीगुड़ी, (पश्चिम बंगाल) में नए सिविल एन्क्लेव का विकास

इस परियोजना में पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिले के बागडोगरा हवाई अड्डे पर एक नए सिविल एन्क्लेव के विकास से जुड़ी एक ब्राउनफील्ड परियोजना शामिल है। इसके विस्तार में प्रति वर्ष 10 मिलियन यात्रियों को संभालने की क्षमता के साथ एक नए टर्मिनल भवन और 10 विमानों के लिए एक एप्रन का निर्माण भी शामिल है। रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण “चिकन नेक” क्षेत्र में स्थित, बागडोगरा हवाई अड्डा देश के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण प्रवेश द्वार के रूप में कार्य करता है। इसका विस्तार क्षेत्र की बढ़ती कनेक्टिविटी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए बहुत आवश्यक है।

अंडमान एवं निकोबार की गैलेथिया खाड़ी में अंतर्राष्ट्रीय कंटेनर ट्रांसशिपमेंट पोर्ट का विकास

यह अंडमान एवं निकोबार केन्द्र शासित प्रदेश में ग्रेट निकोबार द्वीप पर गैलेथिया खाड़ी में एक अंतर्राष्ट्रीय कंटेनर ट्रांसशिपमेंट पोर्ट (आईसीटीपी) विकसित करने वाली एक परिवर्तनकारी परियोजना है। 44,313 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत वाली इस परियोजना का उद्देश्य ग्रीनफील्ड पहल के साथ खाड़ी की रणनीतिक स्थिति और गहरे पानी का लाभ उठाना है। उम्मीद है कि यह बंदरगाह भारतीय बंदरगाहों और क्षेत्र के पड़ोसी देशों से ट्रांसशिपमेंट कार्गो को संभालेगा, जिससे भारत की समुद्री व्यापार प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ेगी और आर्थिक लाभ प्राप्त होगा।

एनपीजी ने पीएम गतिशक्ति के सिद्धांतों के परिप्रेक्ष्य से सभी छह परियोजनाओं का मूल्यांकन किया जिनमें मल्टीमॉडल इंफ्रास्ट्रक्चर का एकीकृत विकास, आर्थिक और सामाजिक बदलाव के लिए अंतिम-मील कनेक्टिविटी, इंटरमॉडल कनेक्टिविटी और परियोजनाओं का समन्वित कार्यान्वयन शामिल है। इन परियोजनाओं से राष्ट्र निर्माण, परिवहन के विभिन्न साधनों को एकीकृत करने और पर्याप्त सामाजिक-आर्थिक लाभ एवं जीवन को आसान बनाने में मदद मिलने की उम्मीद है, जिससे क्षेत्रों के समग्र विकास में योगदान मिलेगा।

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