सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में उत्पन्न होने वाले ठोस कचरे को संसाधित करने में विफलता को लेकर सोमवार को अधिकारियों को लताड़ लगाई और इसे ‘खेदजनक स्थिति’ करार दिया। शीर्ष अदालत ने पाया कि राष्ट्रीय राजधानी में हर दिन तीन हजार टन ठोस कचरा अनुपचारित रह जाता है।
न्यायमूर्ति एएस ओका और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) सहित विभिन्न प्राधिकरणों की ओर से पेश हुए वकीलों से पूछा,”इसका समाधान क्या है।” पीठ ने कहा कि नगर निगम के ठोस कचरे के प्रसंस्करण का मुद्दा राष्ट्रीय राजधानी के लिए बेहद अहम है, इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए।
मामले में सुनवाई पूरी हो चुकी है और दिन के वक्त इस मुद्दे पर फिर सुनवाई होगी।
मुम्बई में कल रात महिला प्रीमियर लीग क्रिकेट टूर्नामेंट के एलिमिनेटर मैच में मुम्बई इंडियंस…
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घोषणा की है कि स्वच्छ ऊर्जा और सतत…
छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में 17 नक्सलियों ने समर्पण कर दिया है। बीजापुर के वरिष्ठ…
प्रवर्तन निदेशालय ने कर्नाटक के पुलिस महानिदेशक के. रामचंद्र राव की बेटी और कन्नड़ अभिनेत्री…
सरकार ने विश्व दृश्य-श्रव्य और मनोरंजन शिखर सम्मेलन-वेव्स 2025 के अंतर्गत क्रिएटर अर्थव्यवस्था के लिए…
रंगों का त्यौहार होली आज पूरे देश में पारंपरिक उत्साह और हर्षोल्लास के साथ मनाया…