उच्चतम न्यायालय ने आज भारतीय दंड संहिता, आपराधिक दंड संहिता और साक्ष्य अधिनियम की जगह हाल ही में बनाए गए तीन आपराधिक कानूनों के खिलाफ दायर एक जनहित याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया। न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी की अध्यक्षता वाली अवकाश पीठ ने याचिकाकर्ता से व्यक्तिगत रूप से कहा कि यह याचिका खारिज किए जाने योग्य है।
याचिका पर विचार करने में शीर्ष अदालत की अनिच्छा को भांपते हुए याचिकाकर्ता ने कहा कि उसे याचिका वापस लेने की अनुमति दी जाए। इस अवकाश पीठ में न्यायमूर्ति पंकज मित्तल भी शामिल थे। न्यायालय ने कहा कि यह याचिका बहुत ही अनौपचारिक और लापरवाह तरीके से दायर की गई है। आखिर में याचिका को वापस लिया गया मानकर खारिज कर दिया गया।
जनहित याचिका में कहा गया था कि भारतीय न्याय संहिता, भारतीय साक्ष्य अधिनियम और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता में कई खामियां और विसंगतियां हैं।
भारत ने पाकिस्तान के उन आरोपों को निराधार बताया है जिसमें वहां हुए ट्रेन अपहरण…
भारत ने दिल्ली में विश्व पैरा एथलेटिक्स ग्रॉ-प्री 2025 में शानदार प्रदर्शन करते हुए 45…
लद्दाख के करगिल में आज सुबह 2 बजकर 50 मिनट भूंकप के झटके महसूस किये…
अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रम्प ने कहा है कि अमेरिका, डेनमार्क के स्वायत्त क्षेत्र ग्रीनलैंड…
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने रूस-यूक्रेन युद्ध पर ध्यान देने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी…
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने ईपीसी और उद्योग संघों को संबोधित करते…