भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के चंद्रयान-2 प्रक्षेपण की आज छठी वर्षगांठ है। इस मिशन का उद्देश्य चंद्रमा की भौगोलिक स्थिति, भूकंप विवरण, खनिज उपलब्धता और सतह संरचना का अध्ययन करना था, जिसमें चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर विशेष ध्यान दिया गया था।
भारत का दूसरा चंद्रयान मिशन 22 जुलाई, 2019 को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से सफलतापूर्वक शुरू हुआ था। इसका मुख्य उद्देश्य चंद्रमा की सतह, विशेष रूप से दक्षिणी ध्रुव की खोज करना था और इसमें एक ऑर्बिटर, लैंडर-विक्रम और रोवर-प्रज्ञान शामिल थे। हालाँकि लैंडर सॉफ्टवेयर में खराबी के कारण 6 सितंबर, 2019 को दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, लेकिन ऑर्बिटर का काम जारी है। मिशन का डाटा सार्वजनिक कर दिया गया है, जिससे आगे की खोज और अन्वेषण संभव हो पा रहा है। चंद्रयान-2 की विरासत अंतरिक्ष अन्वेषण के प्रति इसरो की क्षमताओं और समर्पण का प्रमाण है, जो भविष्य के चंद्रयान प्रयासों को प्रेरित करती रहेगी।
भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग ने एवेनिर इन्वेस्टमेंट आरएससी लिमिटेड (एवेनिर/अधिग्रहणकर्ता) द्वारा सम्मान कैपिटल लिमिटेड (एससीएल/टारगेट) की…
रक्षा सहयोग पर भारत-ब्रुनेई संयुक्त कार्य समूह (जेडब्ल्यूजी) की उद्घाटन बैठक 9 दिसंबर, 2025 को…
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज माइक्रोसॉफ्ट के अध्यक्ष और सीईओ सत्या नडेला के साथ एक…
टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड (टीएचडीसीआईएल) ने 1000 मेगावाट क्षमता वाले टिहरी वेरिएबल स्पीड पंप स्टोरेज प्लांट…
भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) का स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित अपतटीय गश्ती पोत (ओपीवी)…
केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने आज भारत 6जी मिशन के अंतर्गत शीर्ष परिषद…