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केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एमएसएमई को प्रोत्साहन देने के लिए आठ नए उपायों का प्रस्ताव किया

केन्‍द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज संसद में ‘केन्‍द्रीय बजट 2024-25’ पेश करते हुए कहा, “इस बजट में एमएसएमई और विनिर्माण विशेष रूप से श्रम के ज्यादा इस्तेमाल वाले विनिर्माण पर विशेष ध्यान दिया गया है।” केन्द्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने एमएसएमई के लिए वित्त पोषण, नियामकीय बदलावों और प्रौद्योगिकी समर्थन को ध्यान में रखते हुए एक पैकेज तैयार किया है। अंतरिम बजट में उल्लेख किया गया है कि इससे एमएसएमई को आगे बढ़ने और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने में सहायता मिलेगी।

सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उपक्रम (एमएसएमई) बजट में चार मुख्य थीम का हिस्सा हैं और केन्द्रीय वित्त मंत्री ने एमएसएमई के समर्थन में निम्नलिखित विशेष कदमों का प्रस्ताव किया हैः

विनिर्माण क्षेत्र में एमएसएमई के लिए ऋण गारंटी योजना

वित्त मंत्री ने संपार्श्विक अथवा तृतीय पक्ष गारंटी के बिना मशीनरी और उपकरण की खरीद के लिए एमएसएमई को आवधिक ऋण की सुविधा देने के लिए एक ऋण गारंटी योजना प्रारंभ करने का प्रस्ताव किया। निर्मला सीतारमण ने कहा कि यह योजना ऐसे एमएसएमई के ऋण जोखिमों की पूलिंग के आधार पर संचालित होगी। इसका ब्योरा देते हुए, केन्द्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि प्रत्येक आवेदक को ₹100 करोड़ तक का गारंटी कवर देने के लिए एक पृथक स्व-वित्त गारंटी निधि बनाई जाएगी, जबकि ऋण की राशि इससे अधिक हो सकती है। ऋण लेने वाले को एक तत्काल गारंटी शुल्क और घटती ऋण शेष-राशि पर वार्षिक गारंटी शुल्क देना होगा।

एमएसएमई ऋण के लिए नया आकलन मॉडल विकसित करेंगे पीएसबी

एक नए, स्वतंत्र और इन-हाउस तंत्र के द्वारा एमएसएमई को ऋण सुलभ बनाने के लिए निर्मला सीतारमण ने प्रस्ताव किया कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ऋण के लिए एमएसएमई के आकलन हेतु बाहरी आकलन के भरोसे रहने की बजाए अपनी इन-हाउस क्षमता का निर्माण करेंगे। वे एमएसएमई के डिजिटल फुटप्रिंटों के अंकों के आधार पर एक नया ऋण आकलन मॉडल विकसित करने अथवा विकसित करवाने में अग्रणी भूमिका भी निभाएंगे। केन्द्रीय वित्त मंत्री ने कहा, “इससे परिसंपत्ति अथवा कारोबार मानदंडों पर आधारित ऋण पात्रता के पारंपरिक आकलन के मुकाबले एक महत्वपूर्ण सुधार होने की उम्मीद है। इसमें बिना किसी औपचारिक लेखांकन प्रणाली वाले एमएसएमई भी कवर होंगे।”

सरकार संवर्धित निधि से संकट की अवधि के दौरान एमएसएमई को ऋण सहायता

केंद्रीय वित्त मंत्री ने संकट की अवधि के दौरान एमएसएमई को बैंक ऋण जारी रखने की एक नई व्यवस्था का भी प्रस्ताव किया है। नियंत्रण से बाहर के कारणों के चलते ‘स्पेशल मेंशन अकाउन्ट’ (एसएमए) स्तर में होने पर एमएसएमई को अपना व्यवसाय जारी रखने और एनपीए स्तर में जाने से बचने के लिए ऋण की आवश्यकता होती है। निर्मला सीतारमण ने प्रस्ताव किया कि सरकार संवर्धित निधि से गारंटी द्वारा ऋण उपलब्धता में सहायता की जाएगी।

सफलतापूर्वक ऋण चुकाने वाले उद्यमियों के लिए मुद्रा ऋण बढ़ाकर ₹20 लाख किया गया

वित्त मंत्री ने ऐसे उद्यमियों के लिए मुद्रा ऋण की सीमा ₹10 लाख से बढ़ाकर ₹20 लाख करने का प्रस्ताव किया, जिन्होंने ‘तरुण’ श्रेणी के अंतर्गत ऋण लिया है और पहले के ऋणों को सफलतापूर्वक चुका दिया है।

ट्रेड्स में अनिवार्य रूप से शामिल होने के लिए खरीददारों से जुड़ी टर्नओवर सीमा आधी की गई

व्यापार प्राप्तियों को नगद के रूप में बदलकर एमएसएमई को कार्यशील पूंजी बढ़ाने की सहूलियत देने के उद्देश्य से निर्मला सीतारमण ने खरीददारों को ट्रेड्स प्लेटफॉर्म पर अनिवार्य रूप से शामिल करने के लिए कारोबार की सीमा को ₹500 करोड़ से घटाकर ₹250 करोड़ करने का प्रस्ताव किया है। इस उपाय से 22 और सीपीएसई तथा 7 हजार अन्य कंपनियां इस प्लेटफॉर्म से जुड़ जाएंगी। मध्यम उद्यमों को भी आपूर्तिकर्ता के दायरे में शामिल किया जाएगा।

आसान और प्रत्यक्ष ऋण सुलभ बनाने के लिए एमएसएमई क्लस्टरों में सिडबी की शाखाएं

केंद्रीय वित्त मंत्री ने प्रस्ताव किया कि सिडबी तीन वर्षों के भीतर सभी प्रमुख एमएसएमई क्लस्टरों को सेवाएं देने के उद्देश्य से अपनी पैठ बढ़ाने के लिए नई शाखाएं खोलेगी और उन्हें सीधे ऋण उपलब्ध कराएगी। निर्मला सीतारमण ने कहा कि इस वर्ष ऐसी 24 शाखाएं खोली जाने के साथ ही सेवा कवरेज का विस्तार 242 प्रमुख क्लस्टरों में से 168 क्लेस्टरों तक हो जाएगा।

फूड इरेडिएशन, गुणवत्ता और सुरक्षा परीक्षण के लिए नई एमएसएमई इकाइयां

निर्मला सीतारमण ने प्रस्ताव किया कि एमएसएमई क्षेत्र में 50 मल्टी-प्रोडक्ट फूड इरेडिएशन इकाइयां स्थापित करने के लिए वित्तीय सहायता दी जाएगी। एनएबीएल से मान्यता प्राप्त 100 खाद्य गुणवत्ता और सुरक्षा परीक्षण प्रयोगशालएं स्थापित करने की सुविधा प्रदान की जाएगी।

एमएसएमई-पारंपरिक कारीगरों को अंतर्राष्ट्रीय बाजारों तक पहुंच उपलब्ध कराने के लिए ई-कॉमर्स निर्यात केंद्र

केंद्रीय वित्त मंत्री ने प्रस्ताव किया कि एमएसएमई और पारंपरिक कारीगरों को अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में अपने उत्पाद बेचने में सक्षम बनाने के लिए सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मोड में ई-कॉमर्स निर्यात केंद्र स्थापित किये जाएंगे। केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि एक निर्बाध विनियामक और लॉजिस्टिक फ्रेमवर्क के अंतर्गत ये केंद्र एक छत के नीचे व्यापार और निर्यात संबंधी सेवाओं की सुविधा प्रदान करेंगे।

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