केन्द्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज जम्मू एवं कश्मीर में जल जीवन मिशन के तहत सभी जल आपूर्ति योजनाओं की संतृप्ति हासिल करने के लिए उनके प्रभावी कार्यान्वयन का आह्वान किया। वह यहां जल जीवन मिशन के तहत सात जलापूर्ति योजनाओं का उद्घाटन करने के बाद जसरोटा गांव में एक सार्वजनिक सभा को संबोधित कर रहे थे।
कुल 25.31 करोड़ रुपये की लागत वाली इन योजनाओं से 15,881 लोगों को लाभ होगा, जिसमें जसरोटा, रख होशयारी, पडयारी, सकठा चक, भडोली चारपड़ और मंगटियां सहित 10 गांवों के 2584 घर शामिल होंगे। केन्द्रीय मंत्री ने बताया कि जल जीवन मिशन के तहत कठुआ जिले में 1369.57 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत वाली कुल 303 जल आपूर्ति योजनाएं शुरू की जा रही हैं। डॉ. सिंह ने बताया कि इन योजनाओं के उपयुक्त कार्यान्वयन में कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, जिन्हें जम्मू एवं कश्मीर सरकार के समन्वय से हल किया जा रहा है।
नरेन्द्र मोदी सरकार 3.0 के पहले 100 दिनों में अपने संसदीय क्षेत्र में किए गए कार्यों का रिपोर्ट कार्ड पेश करते हुए, उन्होंने प्रतिष्ठित चत्तरगला सुरंग और दिल्ली से कटरा एक्सप्रेसवे कॉरिडोर जैसी प्रमुख परियोजनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि ये महत्वाकांक्षी परियोजनाएं पूरी होने वाली हैं। नई कार्य संस्कृति बनाने का श्रेय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को देते हुए, डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि सरकार जम्मू एवं कश्मीर के दूरदराज के हिस्सों में कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के लिए रुकी हुई परियोजनाओं को पूरा करने पर ध्यान केन्द्रित कर रही है।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री के ‘राष्ट्र प्रथम’ के आहवान से प्रेरित होकर, वर्तमान सरकार देश भर में जनता की सेवा में ‘संपूर्ण सरकार’ वाले दृष्टिकोण के साथ काम कर रही है। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि एक बार पूरा होने के बाद, डोडा और लखनपुर के बीच हर मौसम में कनेक्टिविटी प्रदान करने में रणनीतिक चत्तरगला सुरंग परिवर्तनकारी साबित होगी। उन्होंने सभा को सूचित किया कि अब जनता की मांग को पूरा करते हुए दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे पर नौ अतिरिक्त अंडरपास बनाने का निर्णय लिया गया है।
रोजगार के अवसर सृजित करने और आजीविका को बढ़ावा देने की पर्यटन क्षेत्र की क्षमता को रेखांकित करते हुए, डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि इस इलाके के बसोहली और मंटालिया जैसे स्थानों में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए भी कदम उठाए जा रहे हैं। केन्द्रीय मंत्री ने बताया कि स्वदेश दर्शन योजना के तहत उधमपुर जिले के मानसर क्षेत्र को भी पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा रहा है।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि आने वाले समय में कठुआ जिला आर्थिक गतिविधि का एक प्रमुख केन्द्र बन जाएगा, जो स्थानीय युवाओं को स्वरोजगार के अवसर प्रदान करेगा। उन्होंने इस तथ्य का उल्लेख किया कि इस जिले ने उत्तर भारत का पहला बायो-टेक पार्क, बीज प्रसंस्करण संयंत्र और उत्तर भारत का एकमात्र होम्योपैथिक कॉलेज होने का अनूठा गौरव हासिल किया है। केन्द्रीय मंत्री ने युवाओं से अपनी आजीविका कमाने के लिए खादी को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सरकार द्वारा प्रदान की जा रही सब्सिडी का लाभ उठाने का आग्रह किया।
इस अवसर पर जम्मू एवं कश्मीर सरकार के जलशक्ति मंत्री जावेद अहमद राणा; जसरोटा के विधायक राजीव जसरोटी; बनी के विधायक डॉ. रामेश्वर सिंह; हीरानगर के विधायक विजय कुमार शर्मा; डीडीसी, कठुआ के उपाध्यक्ष रघुनदन सिंह बब्लू, पीआरआई के प्रतिनिधि और जलशक्ति विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।
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