भारतीय रिजर्व बैंक की ताजा वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट के अनुसार देश के अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों की परिसंपत्ति गुणवत्ता में निरंतर सुधार जारी है। सकल और गैर-निष्पादित परिसंपत्तिों का अनुपात कई दशकों के निचले स्तर 2 दशमलव 3 प्रतिशत और आधा प्रतिशत पर आ गया है। अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों को मजबूत पूंजी भंडार, कई दशकों से फंसे हुए ऋणों के कम होने और मजबूत आय से समर्थन मिला है।
आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार, बैंकों की कुल सकल गैर निष्पादित परिसंपत्तियां एनपीए एक वर्ष पहले के 2 दशमलव 8 प्रतिशत से घटकर 31 मार्च तक कुल ऋणों का 2 दशमलव 3 प्रतिशत हो गई। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने एनपीए में भारी गिरावट दर्ज की। यह मार्च 2024 के 3 दशमलव 7 प्रतिशत से घटकर इस वर्ष मार्च में 2 दशमलव 8 प्रतिशत हो गया। निजी क्षेत्र के बैंकों का एनपीए का अनुपात 2 दशमलव 8 प्रतिशत पर स्थिर रहा।
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