नेटवर्क योजना समूह (एनपीजी) की 73वीं बैठक 21 जून, 2024 को नई दिल्ली में आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपी आईआईटी) के अपर सचिव राजीव सिंह ठाकुर ने की। बैठक में 8 महत्वपूर्ण अवसंरचना परियोजनाओं के मूल्यांकन पर ध्यान केंद्रित किया गया, जिनमें से दो रेल मंत्रालय (एमओआर) की और छह डीपीआईआईटी के राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास निगम (एनआईसीडीसी) की है।
रेल मंत्रालय की पहली परियोजना महाराष्ट्र के नासिक और जलगांव जिलों में मनमाड़ से जलगांव तक 160 किलोमीटर की चौथी ब्रॉड गेज रेलवे लाइन के निर्माण से संबंधित है। 2, 594 करोड़ रुपये के अनुमानित निवेश के साथ, यह परियोजना विद्यमान लाइन की खंड क्षमता को बढ़ाएगी, जिससे माल और यात्री रेलगाड़ी की सुचारू आवाजाही की सुविधा प्राप्त होगी। यह राष्ट्रीय अवसंरचना की प्राथमिकताओं के अत्यधिक अनुरूप है और इस क्षेत्र में भविष्य की परिवहन मांगों को पूरा करने के लिए महत्वपूर्ण है।
रेल मंत्रालय की दूसरी परियोजना महाराष्ट्र के जलगांव जिले के भुसावल से मध्य प्रदेश के बुरहानपुर और खंडवा जिलों तक तीसरी और चौथी ब्रॉड गेज रेलवे लाइनों के निर्माण से संबंधित है। 3,285 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत के साथ, इस परियोजना से खंड क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होने, क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा प्राप्त होने और लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में भारतीय रेलवे की बाजार हिस्सेदारी को प्रोत्साहन मिलने की उम्मीद है जिससे इस क्षेत्र के लिए आर्थिक विकास और टिकाऊ परिवहन समाधानों में योगदान मिलेगा।
दोनों परियोजनाएं कोयला, सीमेंट और खनिज उत्पादन क्षेत्रों को संपर्क प्रदान करने के लिए रेल मंत्रालय के ऊर्जा खनिज सीमेंट गलियारा (ईएमसीसी) कार्यक्रम का एक हिस्सा हैं।
एनआईसीडीसी की चार परियोजनाएं 8,175 करोड़ रुपये के अनुमानित निवेश के साथ उत्तर प्रदेश के आगरा और प्रयागराज, हरियाणा के हिसार और बिहार के गया में एकीकृत विनिर्माण समूहों (आईएमसी) के विकास से संबंधित हैं। इन परियोजनाओं का उद्देश्य शैक्षिक और स्वास्थ्य सेवाओं के साथ-साथ स्मार्ट प्रौद्योगिकियों, लॉजिस्टिक्स, आवासीय और वाणिज्यिक सुविधाओं सहित इंडस्ट्री 4.0 मानकों का पालन करने वाले अत्याधुनिक विनिर्माण केंद्रों को विकसित करना है। आईएमसीई-मोबिलिटी, खाद्य प्रसंस्करण, एफएमसीजी, चमड़ा, परिधान जैसे क्षेत्रों की आवश्यकताओं को पूरा करेंगे।
एनआईसीडीसी की दो परियोजनाओं में कर्नूलु जिले में ओरावकल औद्योगिक क्षेत्र और आंध्र प्रदेश के वाई.एस.आर. कडप्पा जिले में कोप्पार्थी औद्योगिक क्षेत्र का विकास शामिल है, जिसमें 5,367 करोड़ रुपये का अनुमानित निवेश किया गया है। इस परियोजना का उद्देश्य उद्योगों को आकर्षित करने के लिए उन्नत अवसंरचना का निर्माण करना है और वे कार्यनीतिक रूप से प्रमुख राजमार्गों, रेलवे लाइनों और बंदरगाहों के पास स्थित हैं। इन परियोजनाओं का उद्देश्य सामाजिक-आर्थिक प्रगति को बढ़ावा देना और रोजगार के महत्वपूर्ण अवसर सृजित करना है।
बैठक के दौरान, सभी परियोजनाओं का मूल्यांकन उनकी एकीकृत योजना और पीएम गतिशक्ति सिद्धांतों की अनुरूपता के लिए किया गया। सामाजिक-आर्थिक लाभ, बेहतर संपर्क, पारगमन लागत में कमी और दक्षता बढ़ाने पर जोर दिया गया।
इन परियोजनाओं से कनेक्टिविटी में सुधार, लॉजिस्टिक्स दक्षता बढ़ाने और पूरे भारत में उन्नत विनिर्माण इकोसिस्टम स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की उम्मीद है, जो औद्योगिक विकास को प्रेरित करने, प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने और देश के आर्थिक विकास लक्ष्यों में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए तैयार हैं।
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