बिज़नेस

सरकार ने मई में अनुमानित 235 गीगावॉट और जून में 240 गीगावॉट बिजली की मांग को पूरा करने के लिए पर्याप्त उपाय किए

अप्रैल, मई और जून 2024 के महीनों के दौरान गर्मी के मौसम में बिजली की मांग को पूरा करने के लिए भारत सरकार ने अपनी अग्रिम योजना के अंतर्गत पहले से ही निम्नलिखित उपाय कर लिए थे:

  • उत्पादन हेतु पूरी क्षमता उपलब्ध कराने के लिए आयातित-कोयला-आधारित बिजली संयंत्रों के लिए धारा 11 दिशा-निर्देश
  • बिजली संयंत्रों के नियोजित रखरखाव का कार्य मानसून के मौसम में स्थानांतरित किया गया
  • थर्मल उत्पादन इकाइयों की आंशिक और जबरन कटौती को कम करना
  • लंबी कटौती के तहत थर्मल संयंत्रों को पुन: चालू करना
  • उत्पादन कंपनियों (केंद्रीय और राज्य उत्पादन कंपनियों और स्वतंत्र बिजली उत्पादकों) को पूरी क्षमता उपलब्ध कराने के लिए अपने उत्पादन संयंत्रों को काम करने की उपयुक्‍त स्थिति में रखने की सलाह
  • पनबिजली उत्पादन का अनुकूलन
  • उत्पादन केंद्रों को अपनी अधिशेष बिजली ऊर्जा विनिमय में बिक्री के लिए प्रस्‍तुत करने का निर्देश दिया गया

इन उपायों की बदौलत हम अप्रैल 2024 के दौरान शाम के समय बिजली की 224 गीगावॉट की अधिकतम मांग को सफलतापूर्वक पूरा करने में सक्षम हुए हैं।

इसके अलावा सरकार ने मई और जून के दौरान बिजली की मांग को पूरा करने के लिए कई कदम उठाए हैं। मई में दिन के समय 235 गीगावाट और शाम के समय 225 गीगावाट तक बिजली की मांग पहुंचने का अनुमान है। वहीं, जून, 2024 में यह आंकड़ा दिन के समय 240 गीगावाट और शाम के समय 235 गीगावाट तक पहुंचने का अनुमान है।

  • आयातित कोयला-आधारित बिजली संयंत्रों की तरह गैस-आधारित बिजली संयंत्रों को भी धारा- 11 निर्देश जारी किए गए हैं। इससे मई और जून के लिए अतिरिक्त 6 गीगावाट बिजली उपलब्ध हो गई है, जो कि पहले से उपलब्ध 10 गीगावाट बिजली के अतिरिक्त है।
  • जल विद्युत उत्पादन के अनुकूलन ने मई और जून के दौरान मांग को पूरा करने के लिए अतिरिक्त 4 गीगावाट बिजली उपलब्ध कराया है। इसके अलावा योजनाबद्ध रखरखाव में बदलाव और तापीय विद्युत संयंत्रों की आंशिक व जबरन कटौती को कम करने से गर्मी के मौसम के लिए अतिरिक्त 5 गीगावाट बिजली की उपलब्धता हो गई है।
  • इसके अलावा अप्रैल की तुलना में मई और जून के दौरान पवन से उत्पन्न बिजली 4 गीगावाट से 5 गीगावाट तक बढ़ने की आशा है।
  • इस तरह उपरोक्त उपायों के साथ और मौजूदा विद्युत उत्पादन की प्रवृत्ति व आईएमडी की भविष्यवाणी के अनुसार अगले महीनों में सामान्य से अधिक मानसून की संभावना को देखते हुए आशा है कि मई व जून, 2024 के दौरान दिन और रात, दोनों समय बिजली की मांग को पर्याप्त रूप से पूरा कर लिया जाएगा।
Editor

Recent Posts

प्रधानमंत्री मोदी ने सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के स्थापना दिवस पर उनके कर्मियों को बधाई दी

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के स्थापना दिवस पर उनके कर्मियों को…

41 मिनट ago

प्रधानमंत्री मोदी ने आज नगालैंड के लोगों को उनके राज्य के स्थापना दिवस के अवसर पर बधाई दी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज नगालैंड के लोगों को उनके राज्य के स्थापना दिवस के…

43 मिनट ago

प्रधानमंत्री मोदी ने गीता जयंती के पावन दिवस पर राष्ट्र को बधाई दी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने श्रीमद्भगवद्गीता के अवतरण से जुड़े पावन दिवस 'गीता जयंती' पर देशवासियों…

47 मिनट ago

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्म ने फुटवियर डिजाइन एवं विकास संस्थान के दीक्षांत समारोह को संबोधित किया

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने आज नई दिल्ली में फुटवियर डिजाइन एवं विकास संस्थान के दीक्षांत…

50 मिनट ago

प्रधानमंत्री मोदी ने आज पहली बार राज्यसभा की अध्यक्षता करने पर उपराष्ट्रपति सी.पी. राधाकृष्णन का स्वागत किया

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज पहली बार राज्यसभा की अध्यक्षता करने पर उपराष्ट्रपति सी.पी. राधाकृष्णन…

2 घंटे ago

NPCI द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार नवंबर में UPI लेनदेन में 32 प्रतिशत की वृद्धि

यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस-यूपीआई ने पिछले महीने एक हजार नौ सौ करोड लेन-देन का आंकडा पार…

2 घंटे ago