भारत

ऑस्ट्रेलिया के पूर्व प्रधानमंत्री एंथनी जॉन एबॉट ने दिल्ली हाट, नई दिल्ली में नैफेड मिलेट एक्सपीरियंस सेंटर का दौरा किया

ऑस्ट्रेलिया के पूर्व प्रधानमंत्री एंथनी जॉन एबॉट ने आज नई दिल्ली के दिल्ली हाट में नैफेड मिलेट एक्सपीरियंस सेंटर का दौरा किया, जहां उन्होंने श्री अन्न (मोटे अनाज) को एक टिकाऊ और पौष्टिक खाद्य स्रोत के रूप में बढ़ावा देने में भारत की पहलों की जानकारी ली। इस दौरान, एंथनी जॉन एबॉट को विभिन्न प्रकार के मोटे अनाज के साथ-साथ अनाज, आटे, अंकुरित आटे और अन्य जैसे बाजरा के प्रमुख उत्पादों से बने रेडी टू कुक (आरटीसी) और रेडी टू ईट (आरटीई) उत्पादों की विविधता से परिचित कराया गया। उन्होंने नैफेड के एडीशनल प्रबंध निदेशक चंद्रजीत चटर्जी, नैफेड के महाप्रबंधक अमित गोयल, नैफेड के प्रबंधक रंजन कुमार और मिलेट एक्सपीरियंस सेंटर की समन्वयक पल्लवी उपाध्याय से बातचीत की और मोटे अनाज के उत्पादन के प्रति भारत की प्रतिबद्धता, जलवायु-अनुकूल कृषि पर इसके प्रभाव और खाद्य सुरक्षा, बेहतर पोषण और एक टिकाऊ खाद्य इकोसिस्‍टम सुनिश्चित करने में श्री अन्न की भूमिका के बारे में जानकारी हासिल की।

मिलेट एक्सपीरियंस सेंटर में, एंथनी जॉन एबॉट ने मोटे अनाज आधारित पाककला संबंधी नवीनताओं का भी अनुभव लिया, जैसे मोटे अनाज की पापड़ी चाट, मिक्स सॉस में मिलेट पास्ता, रागी घी रोस्ट मसाला डोसा, रागी केक आदि, जो इन अनाजों की बहुमुखी प्रतिभा को प्रदर्शित करते हैं, जिन्हें उच्च पोषण मूल्य बनाए रखते हुए दैनिक आहार में शामिल किया जा सकता है।

एंथनी जॉन एबॉट ने परम्‍परागत अनाजों को फिर से प्रचलित करने और उनकी वैश्विक खपत बढ़ाने में भारतीय नेतृत्व की सराहना की। उन्होंने उम्मीद जताई कि मोटे अनाज से संबंधित जागरूकता के लिए इसी तरह के कार्यक्रम ऑस्ट्रेलिया में भी शुरू किए जा सकते हैं, क्योंकि यह पर्यावरण के अनुकूल और स्वास्थ्यवर्धक है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि बाजरा ‘सुपर देश के लिए सुपर फूड’ है।

मोटा अनाज, जिसे अक्सर “सुपर ग्रेन” के रूप में जाना जाता है, ने अपने उच्च फाइबर, प्रोटीन और सूक्ष्म पोषक तत्वों के लिए वैश्विक मान्यता प्राप्त की है, जो उन्हें संतुलित आहार का एक आवश्यक घटक बनाता है। मिलेट एक्‍सपीरियंस सेंटर जलवायु-स्मार्ट और स्वास्थ्य-अनुकूल खाद्य विकल्प के रूप में मोटे अनाज को बढ़ावा देने के लिए भारत के समर्पण का प्रमाण है।

यह यात्रा टिकाऊ फसल के रूप में बाजरे के प्रति बढ़ती वैश्विक रुचि को उजागर करती है तथा स्वस्थ भविष्य सुनिश्चित करने में परम्‍परागत खाद्य प्रणालियों के महत्व को पुष्ट करती है।

Editor

Recent Posts

भारत वर्तमान में दुनिया के लिए उच्च विकास और निम्न मुद्रास्फीति का एक आदर्श मॉडल है: प्रधानमंत्री मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि भारत वर्तमान में दुनिया के लिए उच्च विकास…

10 घंटे ago

केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने आज नोएडा स्थित एमिटी विश्वविद्यालय के वार्षिक दीक्षांत समारोह को संबोधित किया

केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने आज नोएडा स्थित एमिटी विश्वविद्यालय के वार्षिक…

13 घंटे ago

वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने कहा-केंद्र, कर प्रणाली को सरल बनाने पर काम कर रहा है

वित्तमंत्री निर्मला सीतारामन ने कहा है कि केंद्र, कर-प्रणाली को सरल बनाने के लिए काम…

14 घंटे ago

केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने पुरी में वैश्विक ऊर्जा नेताओं के शिखर सम्मेलन को संबोधित किया

भारत की ऐतिहासिक स्वच्छ ऊर्जा विस्तार यात्रा को रेखांकित करते हुए, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा…

14 घंटे ago

NMDC ने साइबर सुरक्षा को मजबूत करने और डिजिटल प्रौद्योगिकियों को आगे बढ़ाने के लिए IIT कानपुर के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए

भारत के सबसे बड़े लौह अयस्क उत्पादक एनएमडीसी ने उद्योग-शैक्षणिक सहयोग को मजबूत बनाने की…

14 घंटे ago