सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (एमओएमपीआई) ने 24 सितंबर, 2024 को मुंबई में जीडीपी और सीपीआई के लिए पूर्वानुमानकर्ताओं और अर्थशास्त्रियों के साथ वार्ता की। इस दौरान आर्थिक मामलों के विभाग के सचिव अजय सेठ, मुख्य आर्थिक सलाहकार डॉ. वी. अनंत नागेश्वरन, भारत के प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के सदस्य नीलेश शाह, प्रमुख अर्थशास्त्री गणेश कुमार, राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग की सदस्य, इला पटनायक, पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार दीपक मिश्रा औऱ आईसीआईआर के निदेशक भी शामिल थे।
इस कार्यक्रम में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई), सिटीबैंक, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एएमसी, सुनिधि सिक्योरिटीज और फाइनेंस लिमिटेड, ब्लूमबर्ग इकोनॉमिक्स, निर्मल बैंग इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज, निर्मल बैंग, आरबीएल बैंक, मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज, मोर्गन स्टैनली, नोमुरा, आईसीआईसी बैंक, आईसीआईसी बैंक लिमिटेड जैसे विभिन्न संगठनों/संस्थाओं के 50 से अधिक पूर्वानुमानकर्ताओं और अर्थशास्त्रियों ने भाग लिया।
कार्यक्रम की रुपरेखा तय करते हुए सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय में सचिव डॉ. सौरभ गर्ग ने मंत्रालय द्वारा जारी किए गए विभिन्न मैक्रो-आर्थिक संकेतकों का उल्लेख किया और जीडीपी, सीपीआई और आईआईपी के लिए आरंभिक वर्ष संशोधन के बारे में जानकारी दी। उन्होंने प्रतिभागियों को जारी संकेतकों पर टाइम सीरीज़ डेटा की आसान पहुंच के लिए हाल ही में शुरू किए गए ईसंख्यिकी पोर्टल के बारे में भी सूचित किया। मंत्रालय के सचिव ने अधिकारियों को बताया कि मंत्रालय, निजी क्षेत्र निवेश को लेकर संपूर्ण जानकारी प्राप्त करने के लिए वेब-आधारित कैपेक्स सर्वेक्षण लॉन्च करने की योजना बना रहा है।
इसके बाद, जीडीपी और सीपीआई के आधार संशोधन अभ्यासों औऱ मौजूदा प्रक्रियाओं पर विस्तृत जानकारी देते हुए दो विषय विशेष प्रस्तुतियां भी दी गईं। मुख्य आर्थिक सलाहकार डॉ. वी अनंत नागेश्वरन ने मंत्रालय के सीएपीईएक्स सर्वेक्षण की पहल की सराहना की। ईएसी-पीएम सदस्य, कोटक महिंद्रा एसेट मैनेजमेंट कंपनी के एमडी नीलेश शाह ने मंत्रालय को डेटा की सटीकता को सुनिश्चित करने और रिलीज के समय में देरी को कम करने की प्रक्रिया में सुधार के लिए उपाय करने का परामर्श दिया।
भारत सरकार के आर्थिक मामलों के विभाग के सचिव अजय सेठ ने बेहतर स्पष्टता, निवेश, व्यापार और नीति निर्णयों के लिए समय पर और निरंतरता के साथ डेटा की उपलब्धता का सुझाव दिया। उन्होंने बेहतर डेटा गवर्नेंस के लिए उन्नत तकनीकों का उपयोग करने की जरूरत पर बल दिया।
इसके बाद एक विभिन्न पहलुओं पर खुले मंच पर चर्चा हुई, जिसमें पूर्वानुमानकर्ताओं और अर्थशास्त्रियों की उत्साहजनक भागीदारी देखी गई। चर्चा के आधार पर निम्नलिखित प्रमुख सुझाव सामने आए:
प्रतिभागियों ने इस वार्ता कार्यक्रम को आयोजित करने के लिए मंत्रालय की पहल की सराहना की, जिससे उपयोगकर्ताओं के बीच अधिक स्पष्टता और बेहतर समझ कायम हो पाई। उन्होंने मंत्रालय को इसी प्रकार के और कार्यक्रम आयोजित करने का सुझाव दिया।
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