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गृह मंत्री अमित शाह ने आज अहमदाबाद जिला सहकारी (ADC) बैंक के ‘स्वर्णिम शताब्दी महोत्सव’ को मुख्य अतिथि के तौर पर संबोधित किया

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज अहमदाबाद जिला सहकारी (ADC) बैंक के ‘स्वर्णिम शताब्दी महोत्सव’ को मुख्य अतिथि के तौर पर संबोधित किया। इस अवसर पर गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और केन्द्रीय सहकारिता मंत्रालय के सचिव डॉ आशीष कुमार भूटानी सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।

अपने संबोधन में अमित शाह ने कहा कि जब कोई संस्था कई उतार–चढ़ाव देखते हुए ईमानदारी से काम करके 100 साल पूरे करे तो यह सिर्फ उस संस्था की ही नहीं, बल्कि पूरे समाज के लिए गर्व की बात है। उन्होंने कहा कि यह तब और भी अहम हो जाता है जब वह कोई संस्था सहकारी हो, जिसका उद्देश्य अपने लिए काम करना नहीं बल्कि समाज के छोटे-छोटे लोगों को साथ जोड़कर सामूहिक प्रगति करने का हो।

केन्द्रीय सहकारिता मंत्री ने कहा कि वर्ष 1925 में स्थापित अहमदाबाद जिला सहकारी बैंक का 100 साल पूरा होना अहमदाबाद जिले के किसानों के उत्कर्ष के सौ साल की कहानी है। उन्होंने कहा कि सौ साल पहले दस्करोई में एक छोटी संस्था बैंक के रूप में स्थापित हुई और आज 100 करोड़ रुपये के मुनाफे के साथ देश की सबसे मजबूत जिला सहकारी बैंक के तौर पर काम कर रही है। अमित शाह ने कहा कि लगभग शून्य NPA (Non-Performing Asset), 100 करोड़ रूपये का मुनाफा और साढे छह हजार करोड़ रूपये की जमा राशि वाले ADC बैंक के बारे में शायद ही किसी ने स्थापना के समय कल्पना की होगी कि यह छोटा सा बीज इतना बड़ा वटवृक्ष बन कर अनेक लोगों का कल्याण करेगा।

अमित शाह ने कहा कि ADC बैंक ने सौ साल तक कई सोसायटियों, लाखों किसानों और कई पशुपालकों के जीवन में प्रकाश फैलाने का काम किया है। उन्होंने कहा कि आज कई तरह की कृषि सहायताएं सरलता से उपलब्ध हैं, परंतु जब इस बैंक की स्थापना हुई, तब किसानों के लिए कोई व्यवस्था नहीं थी। किसानों के पास साहूकारों के पास अपनी ज़मीन गिरवी रखकर ब्याज पे पैसे लेने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। उस समय यदि सूखा पड़ता था और किसान ऋणदाताओं के पैसे नहीं चुका पाते थे तो किसान, किसान नहीं रह कर खेतिहर मजदूर बन जाता था। अमित शाह ने कहा कि उस समय महात्मा गांधी ने सरदार वल्लभभाई पटेल से कहा कि गुजरात में सहकारिता क्षेत्र की शुरुआत करनी चाहिए और फिर त्रिभुवनदास पटेल और सरदार पटेल जैसे सहकारिता क्षेत्र के कई अग्रणी व्यक्तित्वों ने गुजरात में सहकारिता का कार्य आरंभ किया। उन्होंने कहा कि भारत में सहकारिता के इस सौ–सवा सौ साल के इतिहास का काफी बड़ा योगदान है और यह योगदान आने वाले सौ साल में बढ़ने का पूरा यकीन है।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि दुनिया में अर्थव्यवस्था के कई तरह के मॉडल हैं। दो-तीन करोड़ की आबादी वाले छोटे देशों ने कई सफल मॉडल बनाए हैं। उन देशों में विकास का पैमाना सिर्फ आर्थिक विकास है, परंतु सवा सौ करोड़ की आबादी वाले भारत में ऐसे मॉडल सहायक नहीं हैं। अमित शाह ने कहा कि सिर्फ आर्थिक विकास से देश की प्रगति नहीं होती। जब तक 130 करोड़ की आबादी के काम, उनके सम्मान और उनके सुख का ख्याल नहीं हो, तब तक कोई भी आर्थिक मॉडल भारत जैसे देश में सफल नहीं हो सकता। यह आर्थिक मॉडल अगर कहीं मिलता है तो वह सहकारिता आंदोलन और सहकारिता के क्षेत्र में है।

अमित शाह ने कहा कि 120 साल पहले जब भारत में सहकारिता आंदोलन शुरू हुआ, उस समय इस क्षेत्र की जितनी सापेक्षता थी, उससे ज्यादा सापेक्षता आज है। देश में इसके कई सफल उदाहरण हैं। उन्होंने गुजरात के अमूल का उदाहरण देते हुए कहा कि अमूल से जुड़कर 35 लाख महिलाओं को रोजगार मिला है। उन्होंने कहा कि एक भी महिला ने 100 रूपये से ज्यादा का निवेश नहीं किया है और आज अमूल का टर्नओवर 60 हजार करोड़ रूपये है। अमित शाह ने कहा कि पिछले दिनों गांधीनगर में बनासकांठा की एक महिला को जब डेयरी से जुड़े उसके काम के लिए 80 लाख रुपए का बैंक चेक मिला तो वह बहुत खुश हुई और यह उसके सशक्तिकरण को दर्शाता है।

केन्द्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि अहमदाबाद जिला सहकारी बैंक के चेयरमैन होने के नाते जब वह गाँवों में जाते थे तो लोग कहते थे कि यह छोटे लोगों का बड़ा बैंक है। उन्होंने कहा कि ADC ने छोटे लोगों का बड़ा बैंक का मंत्र सही मायने में चरितार्थ किया है। अमित शाह ने कहा कि कम पूँजी वाले कई लोगों को इकट्ठा करके बड़ी पूंजी का रूप देकर उन्हें काम करने का प्लेटफॉर्म मुहैया कराना, उन्हें समृद्ध करना और उनके सम्मान पूर्ण जीवन की व्यवस्था करना ही सहकार है।

अमित शाह ने कहा कि पिछले लगभग 70 साल से मांग की जा रही थी कि राष्ट्रीय स्तर पर सहकारिता मंत्रालय की स्थापना होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि 70 साल से देश के इतने बड़े सहकारिता आंदोलन से जुड़े काम कृषि मंत्रालय के एक संयुक्त सचिव संभाल रहे थे। लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने तीन साल पहले भारत सरकार में स्वतंत्र सहकारिता मंत्रालय की रचना करके सहकारिता आंदोलन को नया जीवन देने का काम किया। उन्होंने कहा कि हमने नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में अभी आज़ादी के 75 साल मनाये, भारत की अर्थव्यवस्था विश्व की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनी और चंद्रयान चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतारने का काम हुआ। अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने कई ऐसे महत्त्वपूर्ण निर्णय लिए हैं कि 25-30 साल बाद जब उनका सही तरीके से विश्लेषण होगा तब सहकारिता मंत्रालय की स्थापना के निर्णय को काफी अहम फैसलों में गिना जाएगा।

केन्द्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि कभी काफी मुश्किलों से गुजर चुका अहमदाबाद जिला सहकारी बैंक आज भारत में सबसे अधिक मुनाफा दर्ज कर रहा जिला सहकारी बैंक है। उन्होंने कहा कि इस बैंक के सफल होने में सेवा सहकारी सोसायटियों का बड़ा योगदान है। उन्होंने कहा कि सेवा सहकारी सोसायटियों के कामकाज में कई तरह के प्रशासनिक अवरोध थे। लेकिन पिछले तीन साल में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने यह सारे अवरोध दूर किए हैं। उन्होंने कहा कि ऐसी व्यवस्था बनाई गई है कि सेवा सहकारी सोसायटियों के पास गोदाम हो, उनका कम्प्युटराइजेशन हो, उन्हें शून्य ब्याज पर ऋण मिले, सेवा सहकारी सोसायटी जल समिति चला सके, गैस सिलिंडर की एजेंसी ले सकें और पेट्रोल पंप का संचालन कर सकें। उन्होंने कहा कि यह राज्य का विषय है, फिर भी हमने इसके मॉडल बाय-लॉज़ बनाए। देश की सभी राज्य सरकारों ने इन बाय-लॉज़ को अपनाया। आज देश की सभी सेवा सहकारी मंडलियाँ एक ही तरह के नियमों और अकाउन्टिंग सिस्टम से चल रही हैं। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में सेवा सहकारी मंडली ग्रामीण स्तर पर वाइब्रेंट यूनिट बनेंगी। इनमें कम्युनिटी सर्विस सेंटर भी खोले जा रहे हैं। सेवा सहकार सोसायटी केन्द्र और राज्य सरकार की 300 तरह की योजनाओं का लाभ पाने का स्थान बनीं, जिससे सहकारिता आंदोलन अधिक मज़बूत हुआ है।

अमित शाह ने कहा कि गुजरात सहित पूरे देश में ‘सहकारिता में सहकार’ के प्रयोग को सफल बनाने की कोशिश होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सभी सहकारी संस्थानों के बैंक अकाउंट सहकारी बैंकों में होना चाहिए। बनासकांठा और पंचमहाल में यह मॉडल सफल हुआ है। अब पूरे गुजरात में इसे लागू करना है। अमित शाह ने कहा कि पिछले 6 महीने में 6000 करोड़ रुपये की डिपॉजिट, 24 लाख बैंक अकाउंट खोलने और 80 लाख क्रेडिट कार्ड जारी करने का काम सहकारी आंदोलन के कारण संभव हुआ है। उन्होंने कहा कि आज गुजरात के सहकारी बैंकों में सरप्लस है। पहले लोन लाने की चिंता थी, अब लोन देने की चिंता हो रही है, क्यूंकि डिपॉजिट बढ़ गई है।

केन्द्रीय सहकारिता मंत्री ने कहा कि अहमदाबाद जिला सहकारी बैंक ने गांधीनगर और अहमदाबाद के विकास के लिए काफी अच्छे काम किए हैं। उन्होंने कहा कि आज के कार्यक्रम में शताब्दी महोत्सव की पुस्तक का विमोचन और कॉफी टेबल बुक का अनावरण हुआ, कुछ दिव्यांग नागरिकों की सहायता के लिए उन्हें साधन मुहैया कराए गए, लेकिन यह नेक काम रुकने नहीं चाहिए। अहमदाबाद जिला सहकारी बैंक, सभी कृषि उत्पादन बाजार समितियों (APMC) और सेवा सहकारी समितियों को ऐसे काम हमेशा जारी रखने चाहिए।

अमित शाह ने कहा कि अहमदाबाद जिला सहकारी बैंक की जिम्मेदारी है कि वह पूरे जिले में स्वास्थ्य, शिक्षा और पोषण के विषयों को लेकर तमाम सहकारी संस्थाओं को एकजुट करे और एक कार्य योजना बनाकर हर गांव में उसे लागू करे। उन्होंने कहा कि अहमदाबाद जिला सहकारी बैंक का कम्प्युटरीकरण हुआ और उसके बनाए कई तरह के अकाउन्टिंग सॉफ्टवेयर को भारत सरकार ने NABARD के माध्यम से स्वीकार करके देश के सभी बैंक को देने का निर्णय किया। उन्होंने कहा कि अहमदाबाद जिला सहकारी बैंक ने पारदर्शिता और उत्तरदायित्व का समान रूप से निर्वहन किया है। आज पांच प्रतिशत तक NPA भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने मंजूर किया है, लेकिन इस बैंक का NPA करीब शून्य है। NPA लगभग शून्य होना इस बात का प्रमाणपत्र है कि यह बैंक कितनी पारदर्शिता के साथ काम कर रहा है।

इस अवसर पर केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने स्वतंत्रता सेनानी श्यामजी कृष्ण वर्मा को उनकी जयंती पर याद किया। उन्होंने कहा कि गुजरात के सपूत श्यामजी कृष्ण वर्मा महान स्वतंत्रता सेनानी, महान देशभक्त और संस्कृत के प्रखर पंडित थे, जिन्होंने विदेश में भारत की आज़ादी के लिए आवाज़ बुलंद की।

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