भारत ने अफगानिस्तान की स्थिति पर संयुक्त राष्ट्र महासभा-यूएनजीए के प्रस्ताव पर हुए मतदान से खुद को अलग रखा। भारत का कहना है कि नई और लक्षित पहलों के बिना कामचलाउ शैली के दृष्टिकोण से अंतर्राष्ट्रीय समुदाय अफगान लोगों के लिए सोचे गये परिणामों को प्राप्त नहीं कर पाएगा। संयुक्त राष्ट्र महासभा के प्रस्ताव पर मतदान की व्याख्या करते हुए संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थाई प्रतिनिधि पर्वतानेनी हरीश ने कहा कि भारत अफगानिस्तान की सुरक्षा स्थिति की निगरानी कर रहा है।
पर्वतानेनी हरीश ने कहा कि अफगानिस्तान को लेकर भारत का दृष्टिकोण हमेशा ही अफगान के लोगों के साथ दीर्घकालिक और विशेष मित्रता से प्रेरित रहा है। उन्होंने कहा कि एक दीर्घकालिक साझेदार के रूप में अफगानिस्तान में शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने में भारत का हित सीधे जुड़ा हुआ है।
अमरीका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रम्प ने कहा है कि वह इस्राइल को वेस्ट बैंक पर…
देश की छह दशकों की सेवा के बाद, भारतीय वायु सेना के दिग्गज लड़ाकू विमान…
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बिहार की मुख्यमंत्री महिला रोज़गार…
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने आज राष्ट्रपति भवन के सांस्कृतिक केंद्र में आयोजित एक समारोह में…
कोयला मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले सार्वजनिक क्षेत्र के कोयला उपक्रमों ने आज अपने गैर-कार्यकारी…
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने 22 से 24 सितंबर 2025…