प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत-आसियान सम्मेलन में कहा कि भारत की एक्ट ईस्ट नीति ने आसियान देशों के साथ संबंधों को नई ऊर्जा, गति और दिशा दी है। उन्होंने कहा कि 21वीं सदी भारत और आसियान देशों की है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत और आसियान देश शांति पसंद राष्ट्र हैं।
हम शांति प्रिय देश हैं। एक-दूसरे की राष्ट्रीय अखण्डता और सम्प्रभुता का सम्मान करते हैं और अपने युवाओं के उज्ज्वल भविष्य के प्रति हम कमिटेड हैं। आज जब, विश्व के कई हिस्सों में संघर्ष और तनाव की स्थिति है तब भारत और आसियान की मित्रता, समन्वय, संवाद और सहयोग बहुत की महत्वपूर्ण हैं।
भारत और आसियान देशों ने अंतरराष्ट्रीय कानून के मान्य सिद्धांतों के अनुरूप विवादों के शांतिपूर्ण समाधान और समुद्री सुरक्षा को बढावा देने पर बल दिया है। आसियान-भारत रणनीतिक भागीदारी मजबूत करने संबंधी संयुक्त वक्तव्य में भारत और आसियान नेताओं ने दक्षिण चीन सागर में आचार संहिता के प्रभावी कार्यान्वयन का समर्थन किया। समुद्री और साइबर सुरक्षा, आंतकवाद और अंतरराष्ट्रीय अपराधों से निपटने, आपदा राहत और मानवीय सहायता, शांति बहाली और क्षमता निर्माण उपायों में सहयोग बढाने पर भी सहमति बनी।
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