विदेश मंत्रालय ने कहा है कि फरक्का बैराज के द्वार खोलने से गंगा और पद्मा नदी के निचले हिस्से में प्राकृतिक जल प्रवाह मौसम संबंधी सामान्य प्रक्रिया है। इस बारे में मीडिया के सवालों के जवाब में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा कि गंगा नदी घाटी के जलग्रहण क्षेत्रों में भारी वर्षा से बढ़े जल के कारण ऐसी स्थिति पैदा होती है।
उन्होंने कहा कि फरक्का एक बैराज है कोई बांध नहीं और जब भी जल स्तर संग्रहण स्तर तक पहुंचता है तो पानी बाहर आ जाता है। उन्होंने कहा कि केवल 40 हजार क्यूसेक पानी फरक्का नहर में छोड़ा जाता है जो गंगा और पद्मा नदी पर द्वार प्रणाली के सावधानीपूर्वक उपयोग से संतुलित रूप से मुख्य नदी में बांग्लादेश की ओर बहता है।
रणधीर जयसवाल ने कहा कि प्रोटोकॉल के अनुसार बांग्लादेश के संबंधित संयुक्त नदी आयोग के अधिकारियों के साथ यह जानकारी नियमित रूप से साझा की जाती है। उन्होंने कहा कि मंत्रालय ने गलतफहमी पैदा करने वाले फर्जी वीडियो और अफवाहें देखी है जिसे तथ्यों के आधार पर दृढ़ता से खारिज किया जाना चाहिए।
भारतीय नौसेना 1 जुलाई, 2025 को रूस के कैलिनिनग्राद में अपने नवीनतम, विध्वंसक और रडार…
ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन ने आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से टेलीफोन पर बातचीत की।…
एन.आई.ए. को पहलगाम आतंकी हमले की घटना में एक बड़ी सफलता मिली है। जांच एजेंसी…
ईरान ने आज सुबह ऑपरेशन "ट्रू प्रॉमिस 3" के तहत इस साल की अपनी सबसे…
अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी-आईएईए ने ईरान में गंभीर स्थिति को देखते हुए कल एक आपात…
ईरान ने अपने परमाणु ठिकानों पर अमरीकी सैन्य हमलों की कड़ी निंदा की है और…