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अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन ने अपनी वार्षिक सभा के सातवें सत्र की मेजबानी की, 103 सदस्य और 17 हस्ताक्षरकर्ता देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया

अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) दिल्ली में अपनी वार्षिक सभा के सातवें सत्र की मेजबानी कर रहा है, जिसमें 29 देशों के मंत्री भाग ले रहे हैं।

उद्घाटन समारोह में बोलते हुए, भारत के नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री, माननीय प्रहलाद जोशी ने आईएसए असेंबली के अध्यक्ष के रूप में कहा : “आईएसए असेंबली के सातवें सत्र में आज आपके सामने खड़ा होना मेरे लिए बहुत सम्मान की बात है। आज, हम वैश्विक ऊर्जा के भविष्य को नया आकार देने के अपने मिशन में खुद को एक महत्वपूर्ण मोड़ पर पाते हैं। सौर ऊर्जा, जो कभी सिर्फ एक कल्पना थी, अब एक शक्तिशाली वास्तविकता है, जो विश्व को एक स्वच्छ और अधिक स्थायी मार्ग की ओर ले जा रही है। हमने एक साथ जो प्रगति की है, वह निर्विवाद है और सौर ऊर्जा की वास्तविक क्षमता सामने आ रही है, जो हमें दिखा रही है कि यह कितनी परिवर्तनकारी हो सकती है।” मंत्री महोदय ने आगे कहा, “120 सदस्य और हस्ताक्षरकर्ता देशों के गठबंधन के रूप में, आईएसए दुनिया भर में, विशेष रूप से सबसे कम विकसित देशों (एलडीसी) और छोटे द्वीप वाले विकासशील देशों (एसआईडीएस) में संसाधनों को जुटाने और सौर परियोजनाओं की तैनाती को सुविधाजनक बनाने में सबसे आगे रहा है। मुझे यह बताते हुए गर्व हो रहा है कि आईएसए ने 27 में से 21 प्रदर्शन संबंधी परियोजनाओं को सफलतापूर्वक पूरा किया है, जो सौर ऊर्जा परिनियोजन में महत्वपूर्ण प्रगति करने और दुनिया भर में सतत विकास का समर्थन करने की हमारी सामूहिक क्षमता को दर्शाता है। ये सफल परियोजनाएँ हमारी साझा प्रतिबद्धता और समर्पण का सबूत हैं। मैं इन देशों के लोगों को बधाई देता हूँ और आज शुरू की गई ग्यारह प्रदर्शन संबंधी परियोजनाओं और सात एसटीएआर-सेंटर्स को उन्हें समर्पित करता हूँ।”

माननीय अध्यक्ष ने आईएसए के प्रमुख हस्तक्षेपों पर भी प्रकाश डाला, जो वैश्विक स्तर पर सौर ऊर्जा संबंधी एजेंडे को आगे बढ़ा रहे हैं। सोलर डेटा पोर्टल , एक ऐसा प्लेटफ़ॉर्म है जो विभिन्न देशों में सौर संसाधनों, परियोजना प्रदर्शन और निवेश अवसरों पर वास्तविक समय का डेटा प्रदान करता है तथा पारदर्शी और कार्रवाई योग्य जानकारी प्रदान करके सरकारों, निवेशकों और डेवलपर्स के सौर परियोजनाओं से जुड़ने के तरीके को बदल देता है। ग्लोबल सोलर फैसिलिटी का उद्देश्य वंचित क्षेत्रों, विशेष रूप से अफ्रीका में सौर ऊर्जा संबंधी परियोजनाओं के लिए वाणिज्यिक पूंजी को सामने लाना है। कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में एक पायलट परियोजना चल रही है और भारत, आईएसए, ब्लूमबर्ग और चिल्ड्रन्स इन्वेस्टमेंट फंड फाउंडेशन की ओर से 39 मिलियन अमरीकी डालर की प्रतिबद्धताएँ सीओपी29 द्वारा चालू होने की राह पर हैं।

इसके अलावा, सोलरएक्स स्टार्टअप चैलेंज ने सौर ऊर्जा क्षेत्र के लिए अभिनव, स्केलेबल समाधानों की सफलतापूर्वक पहचान की है और उनका समर्थन किया है। 2024 के संस्करण में भारत सहित एशिया और प्रशांत क्षेत्र से 30 विजेताओं की घोषणा की गई है और लैटिन अमेरिका और कैरिबियन क्षेत्र के लिए इसके तीसरे संस्करण की मेजबानी की तैयारी चल रही है।

जी20 मंत्रिस्तरीय बैठक में शुरू की गई मासिक आईएसए ज्ञान श्रृंखला और ग्रीन हाइड्रोजन इनोवेशन सेंटर , ज्ञान-साझाकरण और समर्थन का विस्तार करने के लिए सौर ऊर्जा अनुसंधान और विकास को आगे बढ़ा रहे हैं। सीओपी के बाद से पार्टियों के सम्मेलन में अंतर्राष्ट्रीय सौर महोत्सव, सीईओ कॉकस और आईएसए मंडप ‘सोलर हब’ जैसे वैश्विक आयोजनों ने सौर ऊर्जा को एक पसंदीदा ऊर्जा स्रोत के रूप में वैश्विक भागीदारी और इसके समर्थन को प्रोत्साहित किया है।

आईएसए असेंबली के सह -अध्यक्ष थानी मोहम्मद सोइलीही, जो फ्रांस के विकास, फ्रैंकोफोनी और अंतर्राष्ट्रीय साझेदारी के राज्य मंत्री हैं, ने एक वीडियो संदेश के माध्यम से कहा:

“मैं अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन के सचिवालय को संगठन के विकास और हर वर्ष महत्वाकांक्षी कार्यक्रम निर्धारित करने में इसके महत्वपूर्ण कार्य के लिए धन्यवाद देना चाहता हूँ। फ्रांस ने अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन की शुरुआत में संगठन के सदस्य देशों में सौर परियोजनाओं के वित्तपोषण के लिए 1.5 बिलियन यूरो का योगदान देने के अपने वचन का सम्मान किया है। यही कारण है कि हमने 2024 में गठबंधन के लिए अपने वित्तीय समर्थन को नवीनीकृत किया है, जो तीन प्राथमिकताओं पर आधारित है: पहला, एसटीएआर-सी कार्यक्रम के लिए समर्थन जो स्थानीय क्षमता निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। दूसरा, फ्रांस विकासशील अर्थव्यवस्थाओं के लिए वित्तपोषण तक पहुँच को सुविधाजनक बनाना चाहता है जो सतत विकास की ओर बढ़ रहे हैं। तीसरा, फ्रांस पहुँच बढ़ाने के लिए आईएसए सचिवालय की अंतर्राष्ट्रीयकरण प्रक्रिया को आगे बढ़ाना चाहता है। फ्रांस सहयोग बढ़ाने और सौर ऊर्जा के विकास को गति देने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन का समर्थन करना जारी रखेगा। इस प्रकार यह नए भागीदार देशों को गठबंधन में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करेगा और नवीकरणीय ऊर्जा के विकास में पहलों और संगठनों के साथ तालमेल बिठाएगा ।”

अपने स्वागत भाषण में, अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन के महानिदेशक डॉ. अजय माथुर ने कहा, “हमें आज यहाँ उपस्थित हमारे सदस्य, हस्ताक्षरकर्ता और संभावित देशों के माननीय मंत्रियों को देखकर प्रसन्नता हो रही है। हमारी सामूहिक उपस्थिति हमारे इरादे का प्रतीक है – अभूतपूर्व समाधान तलाशना, विशेषज्ञता का आदान-प्रदान करना और साझेदारी को मजबूत करना जो सौर परिवर्तन के एक नए युग को आगे बढ़ाएगा। वैश्विक सहयोग की इस भावना में, हम अपने समय की महत्वपूर्ण चुनौतियों का सामना करने के लिए सामूहिक शक्ति पाते हैं। पिछले वर्षों में, सभा ने सौर ऊर्जा समाधानों की तैनाती के माध्यम से ऊर्जा परिवर्तन को आगे बढ़ाने के लिए निर्णायक आवाज़ के रूप में आईएस को अंतर्राष्ट्रीय क्षेत्र में एक वैश्विक नेतृत्वकर्ता के रूप में आकार देने में मदद की है। इस वर्ष भी, सभा कुछ प्रमुख पहलों और कार्यक्रमों पर विचार करेगी, जो भविष्य की नींव रखेंगे।”

यह सभा आगामी वर्ष के बजट और कार्य योजनाओं पर भी विचार करेगी और इसमें आईएसए के कार्य, कार्यक्रमों और परियोजनाओं के प्राथमिकता वाले क्षेत्रों पर अपडेट शामिल होंगे। चर्चा का एक महत्वपूर्ण विषय व्यवहार्यता गैप वित्तपोषण (वीजीएफ) योजना के लिए दिशानिर्देश होंगे , जो कुल सौर परियोजना लागत का 10 प्रतिशत से 35 प्रतिशत अनुदान के रूप में देशों द्वारा स्वयं पहचाने गए एलडीसी और एसआईडीएस में सौर परियोजनाओं को विकसित करने के लिए दिए जाने का प्रावधान करता है, बशर्ते परियोजना लागत का 90 प्रतिशत लॉक हो। देशों के प्रस्तावों पर पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर विचार किया जाएगा, जब तक कि आईएसए के 1.5 मिलियन अमरीकी डालर प्रति वर्ष के वार्षिक बजट प्रावधान उपलब्ध नहीं हो जाते। वीजीएफ का लाभ सरकार/सरकारी संस्थानों या संबंधित देश की नीतियों के अनुसार एक प्रक्रिया के माध्यम से चयनित स्वतंत्र डेवलपर्स/लाभार्थियों द्वारा स्थापित सौर परियोजनाओं के लिए उठाया जा सकता है।

इस वर्ष की कार्यवाही में अध्यक्ष और सह-अध्यक्ष का चुनाव भी शामिल होगा, जो सभा के तुरंत बाद 2024-2026 की अवधि के लिए पदभार ग्रहण करेंगे। नए महानिदेशक के चयन की भी घोषणा की जाएगी, जो मार्च 2025 में पदभार ग्रहण करेंगे।

इस सभा के बाद स्वच्छ प्रौद्योगिकियों पर एक दिवसीय उच्च स्तरीय प्रौद्योगिकी सम्मेलन आयोजित किया जाएगा, जिसमें प्रौद्योगिकी, निवेश और बाजार पर आईएसए की प्रमुख रिपोर्ट श्रृंखला के तीसरे संस्करण- विश्व सौर रिपोर्ट का शुभारंभ किया जाएगा। सभा की कार्यवाही 6 नवंबर 2024 को समाप्त होगी, जिसमें प्रतिनिधि दिल्ली के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में एक फार्म साइट का दौरा करेंगे, जहाँ वे एग्रीवोल्टेइक प्रणाली के व्यावहारिक कार्यान्वयन को प्रत्यक्ष रूप से देखेंगे, जिसमें सौर ऊर्जा उत्पादन और कृषि के लिए एक ही भूमि का उपयोग करना शामिल है।

आईएसए असेंबली के बारे में:

यह सभा आईएसए की वार्षिक सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था है, जो प्रत्येक सदस्य देश का प्रतिनिधित्व करती है। यह संस्था आईएसए के फ्रेमवर्क समझौते के कार्यान्वयन और इसके उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए किए जाने वाले समन्वित कार्यों से संबंधित निर्णय लेती है। यह सभा आईएसए की सीट पर मंत्री स्तर पर सालाना बैठक करती है। यह सौर ऊर्जा की तैनाती, प्रदर्शन, विश्वसनीयता, लागत और वित्त के पैमाने के संदर्भ में कार्यक्रमों और अन्य गतिविधियों के समग्र प्रभाव का आकलन करती है। आईएसए की छठी सभा तीन महत्वपूर्ण मुद्दों पर आईएसए की प्रमुख पहलों पर विचार-विमर्श कर रही है: ऊर्जा पहुंच, ऊर्जा सुरक्षा और ऊर्जा संक्रमण।

प्रदर्शन संबंधी परियोजनाओं के बारे में:

मई 2020 में, आईएसए ने एलडीसी और एसआईडीएस देशों की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए प्रदर्शन संबंधी परियोजनाएँ शुरू कीं। इसका उद्देश्य सौर प्रौद्योगिकी अनुप्रयोगों को प्रदर्शित करना था जिन्हें बढ़ाया जा सकता है और इन सौर-संचालित समाधानों को दोहराने के लिए सदस्य देशों की क्षमता का निर्माण करना था।

  1. भूटान: पारो में राष्ट्रीय पोस्ट हार्वेस्ट केंद्र में सौर कोल्ड स्टोरेज
  2. बुर्किना फासो: उत्तरी मध्य क्षेत्र के लौडा और कोर्सिमोरो के ग्रामीण इलाकों में दो प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों का सौर ऊर्जा से संचालन
  3. कंबोडिया: कोह रोंग शहर में प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों का सौर ऊर्जा से संचालन
  4. क्यूबा: पेरिको, मटांज़ास में हाटुए इंडियन एक्सपेरीमेंटल स्टेशन (ईईआईएच) में सौर जल पम्पिंग प्रणाली
  5. जिबूती: आर्टा क्षेत्र के उमर जगा और ताडजौरा क्षेत्र के डौगौम गांव में दो ऑफ-ग्रिड सौर ऊर्जा संचालित कोल्ड स्टोरेज इकाइयों की स्थापना
  6. इथियोपिया: गेडियो ज़ोन, इरगाचेफ़े वोरेडा समुदाय में सौर ऊर्जा से चलने वाले पानी के पंप
  7. मॉरीशस: रोज़ बेले में जवाहरलाल नेहरू अस्पताल का सौर ऊर्जा से संचालन
  8. समोआ: 46 स्थानों पर सौर स्ट्रीट लाइटें लगाई गईं
  9. सेनेगल: केबेमेर विभाग के थेइप्पे नगरपालिका के अंतर्गत नडांडे नगर में सौर कोल्ड स्टोरेज
  10. गाम्बिया: वासाडू और जुलांगेल में सौर जल पम्पिंग प्रणालियाँ
  11. टोंगा: टोंगाटापू के चार गांवों में सौर जल पंपिंग परियोजना

एसटीएआर-सेंटर पहल के बारे में:

सौर प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग संसाधन-केंद्र (एसटीएआर-सी) विशेष प्रशिक्षण सुविधाओं, उपकरणों और संरचित शिक्षण मॉड्यूल से सुसज्जित हैं, जो अत्यधिक कुशल सौर कार्यबल को विकसित करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं। आज तक, आईएस ने सात देशों में एसटीएआर सेंटर की सफलतापूर्वक स्थापना और संचालन किया है: इथियोपिया, सोमालिया, क्यूबा, ​​कोटे डी आइवर, किरिबाती, घाना और बांग्लादेश। अपने शुभारंभ के बाद से, इन केंद्रों ने सौर ऊर्जा के विभिन्न पहलुओं में पेशेवरों को प्रशिक्षित किया है, जिससे उन्हें इस क्षेत्र के तेजी से विस्तार में प्रभावी रूप से योगदान करने के लिए तैयार किया गया है।

अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन के बारे में

अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन 120 सदस्य और हस्ताक्षरकर्ता देशों वाला एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन है। यह दुनिया भर में ऊर्जा की पहुँच और सुरक्षा को बेहतर बनाने और कार्बन-तटस्थ भविष्य के लिए एक स्थायी संक्रमण के रूप में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए सरकारों के साथ काम करता है। आईएसए का मिशन 2030 तक सौर ऊर्जा में 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर के निवेश को सामने लाना है, जबकि प्रौद्योगिकी और इसके वित्तपोषण की लागत को कम करना है। यह कृषि, स्वास्थ्य, परिवहन और बिजली उत्पादन क्षेत्रों में सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देता है।

आईएसए के सदस्य देश नीतियों और विनियमों को लागू करके, सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करके, सामान्य मानकों पर सहमति जताकर और निवेश जुटाकर बदलाव ला रहे हैं। इस कार्य के माध्यम से, आईएसए ने सौर परियोजनाओं के लिए नए व्यावसायिक मॉडलों की पहचान की, उन्हें डिजाइन किया और उनका परीक्षण किया; सरकारों को उनके ऊर्जा कानून और नीतियों को सौर ऊर्जा के अनुकूल बनाने के लिए सौर विश्लेषण और सलाह के माध्यम से सहायता प्रदान की; विभिन्न देशों से सौर प्रौद्योगिकी की मांग को एकत्रित किया; और लागतों को कम किया; जोखिमों को कम करके और इस क्षेत्र को निजी निवेश के लिए अधिक आकर्षक बनाकर वित्त तक बेहतर पहुँच बनाई; सौर इंजीनियरों और ऊर्जा नीति निर्माताओं के लिए सौर प्रशिक्षण, डेटा और अंतर्दृष्टि तक पहुँच बढ़ाई। सौर ऊर्जा से चलने वाले समाधानों की वकालत के साथ, आईएसए का लक्ष्य जीवन में बदलाव लाना, दुनिया भर के समुदायों को स्वच्छ, विश्वसनीय और सस्ती ऊर्जा प्रदान करना, सतत विकास को बढ़ावा देना और जीवन की गुणवत्ता में सुधार करना है।

6 दिसंबर 2017 को 15 देशों द्वारा आईएसए फ्रेमवर्क समझौते पर हस्ताक्षर और अनुसमर्थन के साथ, आईएसए भारत में मुख्यालय वाला पहला अंतरराष्ट्रीय अंतर-सरकारी संगठन बन गया। आईएसए बहुपक्षीय विकास बैंकों (एमबीडी), विकास वित्तीय संस्थानों (डीएफआई), निजी और सार्वजनिक क्षेत्र के संगठनों, नागरिक समाज और अन्य अंतरराष्ट्रीय संस्थानों के साथ साझेदारी कर रहा है ताकि सौर ऊर्जा के माध्यम से लागत प्रभावी और परिवर्तनकारी समाधान लागू किए जा सकें, खासकर सबसे कम विकसित देशों (एलडीसी) और छोटे द्वीप वाले विकासशील देशों में (एसआईडीएस)।

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