भारत

नागरिक विमानन मंत्रालय ने कोहरे से निपटने की तैयारियां सुनिश्चित करने के लिए हितधारकों के साथ कई दौर की बैठकें कर विचार-विमर्श किया

कोहरे के मौसम के मद्देनजर तैयारियां पुख्ता करने के लिए, नागरिक विमानन मंत्रालय ने पिछले दो महीनों में एयरलाइनों, हवाई अड्डा ऑपरेटरों, नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए), नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो (बीसीएएस), भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई), भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) और केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के साथ कई दौर की बैठकें कर विचार विमर्श किया। मंत्रालय ने कोहरे से संबंधित चुनौतियों के हल के लिए सुरक्षा एजेंसियों सहित प्रमुख हितधारकों के बीच निर्बाध सहयोग के महत्व पर प्रकाश डाला।

“उड़ान की सुगमता” को बढ़ावा देने की नागरिक विमानन मंत्री की कोशिशों के अनुरूप ही, इन पहलों का मकसद, मुसाफिरों के यात्रा अनुभव को सुव्यवस्थित करना, देरी को कम करना और यात्रियों के लिए एक आसान और अधिक कुशल यात्रा की पेशकश करना है, जिसमें सबसे ज्यादा ट्रैफिक के वक्त पर कोहरे की समस्या समेत मौसम संबंधी अन्य व्यवधानों का समाधान भी शामिल है। इन विशिष्ट पहलों में निम्नलिखित शामिल हैं:

  • विमान के ज़रिए सफर करने वाले यात्रियों के साथ पारदर्शी संवाद सुनिश्चित करना बेहद ज़रुरी है। एयरलाइनों को निर्देश दिए गए हैं कि वे दृश्यता संबंधी मुद्दों के कारण संभावित विलम्ब/रद्द होने के बारे में यात्रियों के साथ सक्रिय रूप से संवाद करें। इसके लिए एयरलाइंस और बुकिंग एजेंट यह सुनिश्चित करें कि टिकट बुकिंग के दौरान पैसेंजर से संपर्क की जानकारी सही ढ़ंग से दर्ज की जाए।
  • एयरलाइंस को याद दिलाया गया है कि अगर 3 घंटे से अधिक की देरी होती है, तो आगामी उड़ानों को रद्द करने के निर्देश पहले ही दे दिए जाएं।
  • डीजीसीए ने उन ऑनलाइन टिकटिंग एजेंटों (ओटीए) को ज्यादा संवेदनशीलता के साथ काम करने को कहा है, जिनसे सहज अनुभव और सुविधाओं के साथ यात्रा की इच्छा रखने वाले यात्रियों ने टिकट बुक कराई हैं।
  • मंत्रालय ने एयरलाइनों को सलाह दी है कि वे प्रतिकूल मौसम की स्थिति, खासकर कोहरे के दौरान बेहतर समन्वय के लिए अपने प्रचालन नियंत्रण केंद्रों (ओसीसी) और वॉर-रूम प्रतिनिधियों को संवेदनशील बनाएं। इस पहल का उद्देश्य, यह सुनिश्चित करके ज़मीनी स्तर पर फैसला लेने में सुधार करना है, कि एयरलाइन कर्मचारी हवाई अड्डे के संचालन की वास्तविकताओं को समझते हैं। इससे उड़ान में देरी या रद्दी होने की स्थिति में अधिक प्रभावी और समय पर प्रतिक्रिया मिल सकेगी।
  • एएआई ने कुशल वाइड एरिया ट्रैफिक प्रबंधन के लिए नई मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) को लागू किया है। इन एसओपी को कोहरा प्रभावित हवाई अड्डों और मूल या गंतव्य हवाई अड्डों पर हवाई यातायात को प्रभावी ढंग से नियमित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। सभी हितधारकों को एटीसी, एओसीसी, सीएटीएफएम तथा एयरलाइन ओसीसी के बीच गहन और रियल टाइम समन्वय की सलाह दी गई है।
  • आईएमडी ने यह सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता जताई है कि सभी मौसम उपकरण, बिना किसी व्यवधान के कार्य करें। भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के साथ समन्वय स्थापित करते हुए, आईएमडी दिल्ली हवाई अड्डे और अन्य कोहरे से प्रभावित हवाई अड्डों पर उन्नत मौसम अवलोकन प्रणाली (एडब्ल्यूओएस) के कार्यान्वयन में तेजी लाने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहा है, ताकि परिचालन सुरक्षा और दक्षता बढ़ाने के लिए पायलटों और हवाई यातायात नियंत्रकों तक सटीक और समय पर मौसम की जानकारी पहुंचाई जा सके।
  • उड़ान रद्द होने की स्थिति में यात्रियों के सुचारू पुन: प्रवेश की सुविधा के लिए बीसीएएस सर्कुलर का संचालन किया गया और सीआईएसएफ द्वारा हितधारकों के साथ ड्रिल आयोजित की गईं। इन सभी प्रयासों का मकसद यही है कि यात्रियों को 90 मिनट से अधिक देरी से चलने वाले विमान के अंदर नहीं रोका जाना चाहिए। इससे यात्रियों की असुविधा काफी कम होगी और उड़ान फिर से शुरू होने की स्थिति में आसान री-बोर्डिंग प्रक्रिया सुनिश्चित हो सकेगी।
  • नागर विमानन महानिदेशालय ने एयरलाइनों के साथ बेहतर समन्वय से यह सुनिश्चित किया है कि प्रभावित हवाईअड्डों पर कोहरे की अवधि के दौरान, कम दृश्यता की स्थिति में चलने वाले आपरेशन को कुशलतापूर्वक निष्पादित करने के लिए पर्याप्त संख्या में कैट-II/कैट-III अनुपालित कर्मी तथा विमानों की तैनाती की जाए। दिल्ली हवाई अड्डे पर तीन रनवे ने महत्वपूर्ण रनवे 10/28 सहित कैट-III आईएलएस सिस्टम को सक्रिय कर दिया है।
  • दिल्ली हवाई अड्डे ने दृश्यता की स्थिति पर रियल टाइम अपडेट देने के लिए प्रमुख स्थानों पर एलईडी स्क्रीन लगाए हैं। दिल्ली हवाई अड्डे ने फॉलो-मी वाहनों की संख्या भी बढ़ा दी है, जो कम दृश्यता की स्थिति के दौरान एप्रन/टैक्सीवे पर पायलटों का मार्गदर्शन और सहायता करेंगे, ताकि जमीन पर बेहतर समन्वय सुनिश्चित हो सके।
  • यात्रियों की असुविधा को कम करने के लिए व्यस्ततम समय के दौरान सभी एयरलाइंस चेक-इन काउंटरों पर पूर्ण स्टाफ की व्यवस्था करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। सभी हितधारकों को देरी या उड़ान रद्द होने की स्थिति में डीजीसीए के दिशानिर्देशों का पालन सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है, ताकि यात्रियों को सर्वोच्च प्राथमिकता पर तुरंत सूचित किया जा सके।
  • इन नियमित परामर्शों और प्रमुख पहलों के कार्यान्वयन के ज़रिए, मंत्रालय यह सुनिश्चित कर रहा है कि कोहरे के मौसम की चुनौतियों से निपटने के लिए सभी हितधारकों के बीच बेहतर और अच्छी तरह से समन्वय स्थापित हो सके। हमारा प्राथमिक फोकस यात्रियों की सुविधा, उनकी सुरक्षा और एक निर्बाध उड़ान के अनुभव पर है।
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