लोकसभा में अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू वक्फ अधिनियम, 1995 में संशोधन करने वाले इस बिल को पेश किया। यह बिल जमीन के पंजीकरण और सर्वेक्षण से जुड़े मामलों में राज्य वक्फ बोर्डों के अधिकारों से जुड़ा है।
कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि सरकार को उन तमाम संस्थाओं से बात करनी चाहिए जो इस बिल से सीधा प्रभावित होंगी। उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र सरकार को सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए और सभी विपक्षी दलों से सुझाव भी लेने चाहिए।
समाजवादी पार्टी के सांसद राजीव कुमार राय ने संसद के बाहर मीडिया से बात करते हुए कहा कि उनकी पार्टी सदन में इस बिल का विरोध करेगी।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी शरद पवार गुट की सुप्रिया सुले ने मांग की कि इस बिल को जरूरी बदलावों और सुझावों के लिए स्थायी समिति को भेजा जाना चाहिए।
वहीं, भाजपा ने इस बात पर जोर दिया है कि यह कानून उन अल्पसंख्यकों को न्याय दिलाने के लिए लाया गया है जिन्हें प्रताड़ित किया गया है। गरीब अल्पसंख्यकों की कई शिकायतें थीं कि उनकी संपत्ति वक्फ बोर्डों ने ले ली है। संसद के बाहर मीडिया से बात करते हुए पार्टी सांसद संजय जयसवाल ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने वक्फ बोर्ड कानून के जरिए गरीब अल्पसंख्यकों को परेशान करने की इजाजत दी है।
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