भारत

प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में प्रगति की 48वीं बैठक संपन्न हुई; खान, रेलवे और जल संसाधन क्षेत्रों की महत्वपूर्ण परियोजनाओं की समीक्षा की

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में नई दिल्ली के साउथ ब्लॉक में प्रगति की 48वीं बैठक आयोजित की गई। प्रगति, केंद्र और राज्य सरकारों को सम्मिलित करते हुए सक्रिय शासन और समय पर परियोजनाओं के कार्यान्वयन को बढ़ावा देने के लिए आईसीटी आधारित एक बहु-मॉडल मंच है।

इस बैठक में प्रधानमंत्री ने खान, रेलवे और जल संसाधन क्षेत्रों में कुछ महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की समीक्षा की। आर्थिक विकास और लोक कल्याण के लिए महत्वपूर्ण इन परियोजनाओं की समीक्षा की गई, जिसमें समयबद्धता, अंतर-एजेंसी समन्वय और समस्या समाधान पर ध्यान केंद्रित किया गया।

प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि परियोजना कार्यान्वयन में देरी के परिणामस्वरूप वित्तीय लागत बढ़ जाती है और नागरिकों को समय पर आवश्यक सेवाएं और बुनियादी ढांचा सुविधाएं न मिलने की दोहरी कीमत चुकानी पड़ती है। उन्होंने केन्द्र और राज्य स्तर के अधिकारियों से आग्रह किया कि वे जीवन में सुधार के अवसर पैदा करने के लिए परिणाम आधारित दृष्टिकोण अपनाएं।

प्रधानमंत्री-आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन (पीएम-एबीएचआईएम) की समीक्षा के दौरान प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि सभी राज्यों को स्वास्थ्य अवसंरचना विकास में तेजी लानी चाहिए तथा दूरदराज, जनजातीय और सीमावर्ती क्षेत्रों पर विशेष ध्यान देना चाहिए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि गरीब, कमजोर और वंचित लोगों के लिए गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं तक समान पहुंच सुनिश्चित की जानी चाहिए। प्रधानमंत्री ने इन क्षेत्रों में महत्वपूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं में मौजूदा अंतराल को खत्म करने के लिए तत्काल और निरंतर प्रयास करने का आह्वान किया।

प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि पीएम-एबीएचआईएम राज्यों को ब्लॉक, जिला और राज्य स्तर पर अपने प्राथमिक, तृतीयक और विशिष्ट स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे को मजबूत करने का एक सुनहरा अवसर प्रदान करता है जिससे नागरिकों को बेहतर और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जा सकें।

प्रधानमंत्री ने रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न मंत्रालयों, विभागों और राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा किए जा रहे अनुकरणीय कार्यों की समीक्षा की। प्रधानमंत्री ने इन पहलों के रणनीतिक महत्व और रक्षा क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देने की क्षमता की सराहना की। रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की प्रासंगिकता को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री ने स्वदेशी क्षमताओं के साथ संचालित ऑपरेशन सिंदूर की सफलता को रक्षा क्षेत्र में भारत की बढ़ती आत्मनिर्भरता का एक शक्तिशाली प्रमाण बताया।

प्रधानमंत्री ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि किस प्रकार राज्य इस इकोसिस्टम को मजबूत करने और रक्षा क्षेत्र की आत्मनिर्भरता में योगदान देने के अवसर का लाभ उठा सकते हैं।

Editor

Recent Posts

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की 20वीं किस्त 2 अगस्त को जारी होगी

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की अगली किस्त 2 अगस्त को जारी की जाएगी। इस संबंध…

16 घंटे ago

मौसम विभाग ने बिहार, पूर्वी राजस्‍थान, हिमाचल प्रदेश और पश्चिमी उत्‍तर प्रदेश में कुछ स्‍थानों पर अत्यधिक तेज वर्षा का अनुमान व्‍यक्‍त किया

मौसम विभाग ने आज बिहार, पूर्वी राजस्‍थान, हिमाचल प्रदेश और पश्चिमी उत्‍तर प्रदेश में कुछ…

21 घंटे ago

आज की ताजा खबर न्यूज़ पेपर, आज का अखबार हिंदी – 30 जुलाई 2025

ऑपरेशन सिन्‍दूर पर लोकसभा में प्रधानमंत्री के वक्‍तव्‍य को सभी अखबारों ने प्रमुखता दी है।…

21 घंटे ago

रूस के कामचात्‍का प्रायद्वीप में आज तड़के 8.8 तीव्रता का भूकम्‍प आया

रूस के कामचात्‍का प्रायद्वीप में आज तड़के आठ दशमलव आठ तीव्रता का भूकम्‍प आया। इसका…

21 घंटे ago

IMF ने वर्ष 2025 और 26 के लिए भारत का सकल घरेलू उत्‍पाद वृद्धि दर अनुमान बढ़ाकर 6.4 प्रतिशत किया

अंतरराष्‍ट्रीय मुद्राकोष ने भारत के आर्थिक वृद्धि दर अनुमानों में संशोधन किया है और वर्ष…

21 घंटे ago