चिली के राष्ट्रपति गेब्रियल बोरिस फॉन्ट ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थाई सदस्यता की वकालत की है। उन्होंने कहा कि वर्ष 1945 में संयुक्त राष्ट्र की स्थापना के बाद से अब तक विश्वव्यापी फेर-बदल हुए हैं। बोरिस फॉन्ट ने यह भी कहा कि वर्तमान वैश्विक स्थिति में जबर्दस्त फेर-बदल हुआ है। ऐसी स्थिति में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधारों की एक निश्चित तिथि तय की जानी चाहिए। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत, ब्राजील और कम से कम एक अफ्रीकी देश को भी इसकी सदस्यता मिलनी चाहिए। उनका कहना था कि इस संस्था के सुधारों में केवल राजनीतिक इच्छा शक्ति की कमी है।
अमरीकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थाई सदस्यता के लिए भारत का समर्थन किया। रविवार को डेलावेर में क्वाड शिखर बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ द्विपक्षीय बातचीत में उन्होंने इसका उल्लेख किया।
रूस ने भी एक बार फिर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थाई सदस्यता की वकालत की है। रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोफ ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में विकासशील राष्ट्रों का प्रतिनिधित्व होना चाहिए। इसके लिए जरूरी है कि भारत, ब्राजील और अफ्रीकी देशों को स्थाई सदस्यता दी जाए।
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