रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एनसीसी कैडेटों से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 2047 तक विकसित भारत के सपने को साकार करने के लिए कड़ी मेहनत करने का आह्वान किया है। उन्होंने कैडेटों को भारत का संसाधन बताया। 20 जनवरी, 2025 को दिल्ली कैंट में एनसीसी गणतंत्र दिवस शिविर के अपने दौरे के समय कैडेटों को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि कैडेट, चाहे वे किसी भी क्षेत्र में काम करते हों, एनसीसी द्वारा उनमें विकसित किए गए ‘नेतृत्व’, ‘अनुशासन’, ‘महत्वाकांक्षा’ और ‘देशभक्ति’ के गुणों के माध्यम से राष्ट्र निर्माण में योगदान देते हैं।
राजनाथ सिंह ने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी ने 2047 तक भारत को एक विकसित देश बनाने का संकल्प लिया है। वे स्वयं भी एनसीसी कैडेट रहे हैं। इसलिए, यदि किसी पूर्व एनसीसी कैडेट ने कोई सपना देखा है, तो उसे पूरा करना सभी कैडेटों की सबसे बड़ी जिम्मेदारी है। विकसित भारत का मतलब किसी जमीन के टुकड़े का विकास नहीं है; इसका मतलब है 140 करोड़ भारतीयों की प्रगति, जो सामाजिक और सांस्कृतिक विविधता के बावजूद एक साथ रहते हैं। हमें अपने साथ-साथ समाज के लिए भी कुछ अच्छा करना होगा, और जल्द ही भारत एक विकसित राष्ट्र बन जाएगा।”
रक्षा मंत्री ने कैडेटों की प्रतिबद्धता, अनुशासन और राष्ट्र के प्रति प्रेम की सराहना की। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत एक देश के रूप में जो कुछ भी हासिल कर पाया है, वह सभी की कड़ी मेहनत, खासकर युवाओं की बदौलत है। उन्होंने कहा, “जब भी मैं एनसीसी कैडेटों से मिलता हूं, तो मुझे उनमें सिर्फ एक कैडेट नहीं दिखता। मैं भारत का प्रतिबिंब देखता हूं, जिसमें कई शरीर लेकिन एक आत्मा है, कई शाखाएं लेकिन एक जड़ है, कई किरणें लेकिन एक प्रकाश है। ये कैडेट अलग-अलग क्षेत्रों से आते हैं, अलग-अलग भाषाएं बोलते हैं और अलग-अलग रीति-रिवाजों और परंपराओं का पालन करते हैं, लेकिन एक चीज जो उनमें समान है, वह है ‘एकता’। उनकी ऊर्जा और उनका उत्साह इस बात का प्रमाण है कि भारत का भविष्य उज्ज्वल है।”
राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत को जब आजादी मिली, उसी समय कई देश स्वतंत्र हुए। उन्होंने कहा, “केवल वे देश ही आज विकास कर रहे हैं, जिन्होंने अनुशासन, अखंडता और राष्ट्रीय एकता के मूल्यों को बनाए रखा। जहां ऐसा नहीं हुआ, वे देश अराजकता में हैं।” उन्होंने एनसीसी की सराहना करते हुए कहा कि इसने प्रत्येक व्यक्ति के लिए आवश्यक इन गुणों का उपयोग किया है।
कैडेटों को नेतृत्व का सही अर्थ समझाते हुए रक्षा मंत्री ने 26/11 मुंबई हमलों के दौरान मेजर संदीप उन्नीकृष्णन के वीरतापूर्ण बलिदान का हवाला दिया, जो आज भी देश को प्रेरित करता है। उन्होंने कहा, “मेजर उन्नीकृष्णन के अपनी टीम से कहे गए शब्द ‘इधर मत आना, मैं उनसे निपट लूंगा ‘ न केवल उनके एक विजेता के लक्षण और परोपकारी स्वभाव का प्रमाण थे, बल्कि आगे बढ़कर नेतृत्व करने की उनकी क्षमता का भी प्रमाण थे। ऐसे असाधारण क्षण एक साधारण व्यक्ति को श्रेष्ठ बनाते हैं। एनसीसी इन गुणों का उपयोग करती है।”
राजनाथ सिंह ने कैडेटों से कहा कि वे कभी भी सीखना बंद न करें, क्योंकि परिस्थितियां बदलती रहती हैं, हर बार नए दृष्टिकोण और नए कौशल की आवश्यकता होती है। उन्होंने बदलते समय के अनुसार खुद को ढालने के महत्व पर जोर दिया, क्योंकि नई समस्याओं को पुराने दृष्टिकोण या पुराने कौशल से हल नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए कौशल विकास को भी प्राथमिकता दी जानी चाहिए। रक्षा मंत्री ने कैडेटों से हर चुनौती का आत्मविश्वास के साथ और असफलता के डर के बिना सामना करने का आग्रह किया और कहा कि ‘कभी हार न मानने’ का उत्साह सफलता की कुंजी है।
रक्षा मंत्री ने कैडेटों को बड़े सपने देखने, अपने वास्तविक चरित्र और साहस को पहचानने तथा उन्हें प्राप्त करने के लिए लगन से काम करने के लिए प्रोत्साहित करते हुए अपने भाषण का समापन किया। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की प्रसिद्ध कविता ‘छोटे मन से कोई बड़ा नहीं होता, आधे मनसे कोई खड़ा नहीं होता’ का हवाला देते हुए उन्होंने कैडेटों को हमेशा विनम्र और आशावादी बने रहने के लिए प्रेरित किया।
कार्यक्रम के एक हिस्से के रूप में, राजनाथ सिंह ने एनसीसी के तीनों विंग से आए कैडेटों द्वारा दिए गए शानदार ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ का निरीक्षण किया। इस कार्यक्रम में ‘अलंकरण समारोह’ भी शामिल था। अलंकरण समारोह में कैडेटों को उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन और कर्तव्य के प्रति समर्पण के लिए रक्षा मंत्री पदक और प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया। इस वर्ष, रक्षा मंत्री पदक केरल और लक्षद्वीप निदेशालय के अंडर ऑफिसर थेजा वीपी और उत्तर पूर्वी क्षेत्र निदेशालय के सीनियर अंडर ऑफिसर आर्यमित्र नाथ को प्रदान किया गया। प्रशस्ति पत्र आंध्र प्रदेश और तेलंगाना निदेशालय की कैडेट डोंटारा ग्रीष्मा, जम्मू कश्मीर और लद्दाख निदेशालय की जूनियर अंडर ऑफिसर आबिदा आफरीन, महाराष्ट्र निदेशालय के सार्जेंट मनन शर्मा और मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ निदेशालय के सार्जेंट राहुल बघेल को प्रदान किए गए।
समारोह के बाद मिजो हाई स्कूल, आइजोल के एनसीसी कैडेटों द्वारा एक असाधारण बैंड प्रदर्शन किया गया। रक्षा मंत्री ने ‘ध्वज क्षेत्र’ का भी दौरा किया, जहां सभी 17 निदेशालयों के कैडेटों ने विभिन्न सामाजिक मुद्दों पर जीवंत प्रदर्शन किए। इसके अलावा, उन्होंने ‘आइडिया एंड इनोवेशन’ नामक प्रदर्शन भी देखा, जहां उन्हें कैडेटों द्वारा किए गए विभिन्न सरल प्रोजेक्टों के बारे में जानकारी दी गई। इसके बाद, राजनाथ सिंह ने एनसीसी कैडेटों द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक प्रदर्शनों के लिए प्रताप हॉल का दौरा किया। इस अवसर पर एनसीसी के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल गुरबीरपाल सिंह और एनसीसी और रक्षा मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वराज पॉल के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। प्रधानमंत्री…
भारत की ऊर्जा सुरक्षा को मज़बूत करने और घरेलू कोयला उत्पादन में तेज़ी लाने की…
संसद का मॉनसून सत्र 2025 सोमवार के दिन 21 जुलाई, 2025 को प्रारंभ हुआ था…
भारतीय रेलवे ने 2025 के लिए 380 गणपति स्पेशल ट्रेन ट्रिप्स (फेरों) की घोषणा की…
निर्वाचन आयोग ने उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए दो पर्यवेक्षक नियुक्त किये हैं। पंचायती राज मंत्रालय…
जी.एस.टी. की नई दरों की मंजूरी का समाचार अधिकतर अख़बारों ने मुखपृष्ठ पर दिया है।…