भारत और कोलंबिया ने ऑडियो-विजुअल सह-निर्माण समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, जो भारतीय और कोलंबियाई फिल्म निर्माताओं को फिल्म निर्माण से जुड़े विभिन्न आयामों में सहयोग के लिए एक मंच का उपयोग करने में सक्षम बनाएगा। इस समझौते से दोनों देशों के फिल्म उद्योग के महत्वपूर्ण क्षेत्रों के बीच संबंध और मजबूत होने की उम्मीद है, जिससे सहयोग के एक नये अध्याय की शुरुआत होगी। इस समझौते पर माननीय सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री डॉ. एल. मुरुगन और भारत में कोलंबिया गणराज्य के विदेश मामलों के उपमंत्री जॉर्ज एनरिक रोजस रोड्रिग्ज ने हस्ताक्षर किए।
भारत और कोलंबिया के बीच समझौते से दोनों देशों के निर्माताओं को सह-निर्माण के लिए अपने रचनात्मक, कलात्मक, तकनीकी, वित्तीय और विपणन संसाधनों को एकत्रित करने में लाभ मिलने की उम्मीद है। इससे कला और संस्कृति का आदान-प्रदान होगा तथा दोनों देशों के लोगों के बीच सद्भावना पैदा होगी, जिससे सांस्कृतिक संबंधों को बढ़ावा मिलेगा।
यह समझौता, भारत की ‘सॉफ्ट पावर’ के निर्माण और प्रदर्शन का भी अवसर प्रदान करेगा तथा फिल्म निर्माण, जिसमें पोस्ट-प्रोडक्शन और विपणन शामिल हैं, में लगे कलात्मक, तकनीकी और गैर-तकनीकी लोगों के लिए रोजगार सृजन को बढ़ावा देगा।
सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री डॉ. एल. मुरुगन ने भारत और कोलंबिया के बीच मजबूत होते सांस्कृतिक और सहकारी संबंधों पर प्रकाश डाला। लंबे समय से चले आ रहे संबंधों पर बोलते हुए मंत्री ने कोलंबिया के साथ भारत के विविध और बहुआयामी सहयोग पर जोर दिया।
मंत्री ने कहा, “भारत का पिछले कई वर्षों में कोलंबिया के साथ समृद्ध सांस्कृतिक आदान-प्रदान रहा है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी, रक्षा, आईआईटी, स्वास्थ्य और संस्कृति सहित विभिन्न क्षेत्रों में हमारे बीच सहयोग है। भारत सरकार सह-निर्माण समझौतों के महत्व को स्वीकार करती है, जो अंतर्राष्ट्रीय साझेदारी को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। हमारा पहला सह-निर्माण समझौता एक ऐतिहासिक क्षण था और हमने लगातार उस आधार पर आगे काम किया है।“
इस समझौते से शूटिंग के लिए भारतीय स्थानों के उपयोग को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। यह दुनिया भर में एक पसंदीदा फिल्म शूटिंग गंतव्य-देश के रूप में भारत की दृश्यता/संभावनाओं को बढ़ाएगा और देश में विदेशी मुद्रा के प्रवाह को बढ़ावा देगा। इस समझौते से फिल्म निर्माण के लिए पारदर्शी वित्तपोषण भी संभव होगा और कोलंबियाई बाजार में भारतीय फिल्मों के निर्यात को प्रोत्साहन मिलेगा।
विभिन्न देशों के साथ ऑडियो-विजुअल सह-निर्माण समझौते
इससे पहले, भारत सरकार ने 2005 में इतालवी गणराज्य की सरकार, यूनाइटेड किंगडम ऑफ ग्रेट ब्रिटेन और उत्तरी आयरलैंड की सरकार, 2007 में जर्मनी के संघीय गणराज्य, 2007 में ब्राजील के संघीय गणराज्य की सरकार, 2010 में फ्रांस गणराज्य, 2011 में न्यूजीलैंड गणराज्य, 2012 में पोलैंड गणराज्य और स्पेन गणराज्य के साथ इसी तरह के समझौतों पर हस्ताक्षर किए थे। हाल ही में 2014 में कनाडा और चीन, 2015 में कोरिया गणराज्य, 2016 में बांग्लादेश, 2017 में पुर्तगाल, 2018 में इजरायल, 2019 में रूस और 2023 में ऑस्ट्रेलिया के साथ समझौते किए गए।
समझौतों से सरकार से मिलने वाली वित्तीय सहायता और समर्थन का द्वार खुलेगा
अब तक हस्ताक्षरित सह-निर्माण समझौतों का उद्देश्य आर्थिक, सांस्कृतिक और कूटनीतिक लक्ष्यों को हासिल करना है। फिल्म निर्माताओं के लिए, सह-निर्माण समझौते का मुख्य आकर्षण यह है कि यह प्रत्येक भागीदार राष्ट्र में राष्ट्रीय निर्माण के योग्य माना जाता है और यह प्रत्येक देश में स्थानीय फिल्म और टेलीविजन उद्योग को मिलने वाले लाभों का फायदा उठा सकता है। ऐसे समझौतों से मिलने वाले लाभों में शामिल हैं – सरकारी वित्तीय सहायता, कर रियायतें और घरेलू टेलीविजन प्रसारण कोटा में शामिल होना आदि।
भारत में आधिकारिक सह-निर्माण और विदेशी निर्माणों के लिए बढ़ी हुई वित्तीय सहायता
भारत ने सह-निर्माण सहित भारत में फिल्म निर्माण के लिए प्रोत्साहनों को 12 गुना बढ़ा दिया है, जिसमें अधिकतम संभव प्रोत्साहन 300 मिलियन रुपये है। आधिकारिक सह-निर्माण की प्रोत्साहन योजना भारत में किए गए खर्च का 30% तक की प्रतिपूर्ति प्रदान करती है, जिसकी अधिकतम सीमा 300 मिलियन रुपये है। विदेशी निर्माणों के लिए भारत में की गई सेवाएँ महत्वपूर्ण भारतीय कंटेंट को प्रदर्शित करने पर 5% का अतिरिक्त बोनस प्राप्त कर सकती हैं, जो अधिकतम 300 मिलियन रुपये तक हो सकता है। 15% या उससे अधिक भारतीय जनशक्ति को नियोजित करने पर 5% का अतिरिक्त दावा किया जा सकता है, जिससे प्रतिपूर्ति कुल व्यय का 40% तक हो जाती है।
इस अवसर पर अपने संबोधन में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सचिव ने सिनेमा, मीडिया और मनोरंजन के क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ के लिए एक वैश्विक मंच के रूप में भारत की आगामी भूमिका के बारे में घोषणा की। सचिव ने कहा, “20 नवंबर से भारत गोवा में भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) की मेजबानी करेगा, जिसमें दुनिया भर के साथ-साथ भारत के सर्वश्रेष्ठ सिनेमा का प्रदर्शन किया जाएगा।”
सचिव ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि फरवरी 2025 में भारत बहुप्रतीक्षित विश्व ऑडियो विजुअल और मनोरंजन शिखर सम्मेलन (वेव्स) की भी मेजबानी करेगा, जिसमें पारंपरिक प्रसारण, फिल्मों और मीडिया और मनोरंजन के नए रूपों का संगम होगा, जो फिल्म उद्योग के भविष्य के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण होगा।
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