भारत और डेनमार्क ने आज एक नए समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर करके अपने दीर्घकालिक ऊर्जा सहयोग को मजबूत किया है। इस समझौता ज्ञापन पर भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय के सचिव पंकज अग्रवाल और भारत में डेनमार्क के राजदूत रासमस अबिल्डगार्ड क्रिस्टेंसन ने माननीय विद्युत और आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री मनोहर लाल की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए। यह समझौता स्वच्छ ऊर्जा संक्रमण में तेजी लाने के लिए दोनों देशों की निरंतर प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
नवीनीकृत समझौता ज्ञापन 2070 तक शुद्ध-शून्य उत्सर्जन प्राप्त करने के भारत के महत्वाकांक्षी लक्ष्य का समर्थन करता है। इसका उद्देश्य दोनों देशों के बीच विशेष रूप से स्वच्छ और टिकाऊ ऊर्जा समाधानों के क्षेत्र में ज्ञान के आदान-प्रदान और तकनीकी सहयोग को बढ़ावा देना है। यह समझौता 5 जून, 2020 को हस्ताक्षरित मूल समझौता ज्ञापन के तहत पांच वर्षों के सफल सहयोग के बाद हुआ है, और शुरू में 5 जून, 2025 को समाप्त होने वाला था। यह नवीनीकरण संवाद और सहयोग में निरंतरता सुनिश्चित करता है, जिससे ऊर्जा क्षेत्र के विकास में संयुक्त प्रयासों का निर्बाध विस्तार हो सके।
नवीनीकृत समझौता साझेदारी को व्यापक बनाता है, जिसमें बिजली प्रणाली मॉडलिंग, परिवर्तनीय नवीकरणीय ऊर्जा का एकीकरण, सीमा पार बिजली व्यापार और ईवी चार्जिंग बुनियादी ढांचे के विकास जैसे उन्नत क्षेत्र शामिल हैं। यह विशेषज्ञ बातचीत, संयुक्त प्रशिक्षण सत्रों और अध्ययन दौरों के माध्यम से ज्ञान के आदान-प्रदान को बढ़ाने पर भी जोर देता है। माननीय विद्युत और आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री मनोहर लाल ने कहा कि नवीनीकृत ऊर्जा सहयोग सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए भारत और डेनमार्क की आपसी प्रतिबद्धता को व्यक्त करता है।
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