प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय के अंतर्गत खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) ने वित्त वर्ष 2023-24 में उत्पादन, बिक्री और नए रोजगार सृजन में नया कीर्तिमान स्थापित किया है।
केवीआईसी के अध्यक्ष मनोज कुमार ने आज यहां वित्त वर्ष 2023-24 के अस्थायी आंकड़े जारी करते हुए कहा कि पिछले सभी आंकड़ों को पार करते हुए वित्त वर्ष 2013-14 की तुलना में बिक्री में 399.69 प्रतिशत (लगभग 400 प्रतिशत), उत्पादन में 314.79 प्रतिशत (लगभग 315 प्रतिशत) और नए रोजगार सृजन में 80.96 प्रतिशत (लगभग 81 प्रतिशत) की वृद्धि हुई है। वर्ष 2013-14 की तुलना में वित्त वर्ष 2022-23 में बिक्री में 332.14 प्रतिशत, उत्पादन में 267.52 प्रतिशत और नए रोजगार सृजन में 69.75 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
मनोज कुमार ने कहा कि केवीआईसी के इस उल्लेखनीय प्रदर्शन ने 2047 तक ‘विकसित भारत’ की कल्पना को साकार करने और भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार केवीआईसी उत्पादों की बिक्री वित्त वर्ष 2023-24 में 1.55 लाख करोड़ रुपये को पार कर गई है। वित्त वर्ष 2022-23 में बिक्री का आंकड़ा 1.34 लाख करोड़ रुपये था। ‘मोदी सरकार’ के पिछले दस वित्त वर्षों में ग्रामीण क्षेत्रों में कारीगरों द्वारा बनाए गए स्वदेशी खादी और ग्रामोद्योग उत्पादों की बिक्री जो वित्त वर्ष 2013-14 में 31154.20 करोड़ रुपये थी, वह वित्त वर्ष 2023-24 में बढ़कर 155673.12 करोड़ रुपये के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है, जो अब तक की सबसे बड़ी उपलब्धि है। वित्त वर्ष 2023-24 में केवीआईसी के प्रयासों से ग्रामीण क्षेत्रों में 10.17 लाख नए रोजगार सृजित हुए हैं, जिससे ग्रामीण भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत हुई है।
केवीआईसी के अध्यक्ष ने इस ऐतिहासिक उपलब्धि का श्रेय पूज्य बापू की प्रेरणा, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की गारंटी और देश के सुदूर गांवों में काम करने वाले करोड़ों कारीगरों के अथक प्रयासों को दिया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खादी के समर्थन से लोगों का खादी उत्पादों पर विश्वास बढ़ा है। युवाओं के लिए खादी फैशन का ‘नया स्टेटस सिंबल’ बन गया है। बाजार में खादी और ग्रामोद्योग उत्पादों की मांग तेजी से बढ़ रही है, जो उत्पादन, बिक्री और रोजगार के आंकड़ों में दिखाई देती है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले दस वर्षों में खादी और ग्रामोद्योग के उत्पादन को बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में बड़े बदलाव और निर्णय लिए गए हैं, जिनके सकारात्मक परिणाम मिल रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि ये आंकड़े इस बात का सबूत हैं कि देश के लोगों का भरोसा ‘मेक इन इंडिया’, ‘वोकल फॉर लोकल’ और ‘स्वदेशी उत्पादों’ पर बढ़ा है।
खादी एवं ग्रामोद्योग उत्पादों का उत्पादन वित्त वर्ष 2013-14 में जहां 26,109.08 करोड़ रुपये था, वह वित्त वर्ष 2023-24 में 314.79 प्रतिशत की उछाल के साथ 108,297.68 करोड़ रुपये पर पहुंच गया, जबकि वित्त वर्ष 2022-23 में उत्पादन 95956.67 करोड़ रुपये था। लगातार बढ़ता यह उत्पादन इस बात का पुख्ता सबूत है कि खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग ने ग्रामीण क्षेत्रों में ऐतिहासिक कार्य किया है।
पिछले 10 वित्त वर्षों में खादी एवं ग्रामोद्योग उत्पादों ने हर साल बिक्री के नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं। वित्त वर्ष 2013-14 में जहां बिक्री 31,154.20 करोड़ रुपये थी, वहीं वित्त वर्ष 2023-24 में 399.69 प्रतिशत की अभूतपूर्व वृद्धि के साथ 1,55,673.12 करोड़ रुपये पर पहुंच गई, जो अब तक की सर्वाधिक बिक्री है।
पिछले दस वर्षों में खादी वस्त्रों के उत्पादन में भी अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। वित्त वर्ष 2013-14 में जहां खादी वस्त्रों का उत्पादन 811.08 करोड़ रुपये था, वहीं वित्त वर्ष 2023-24 में यह 295.28 प्रतिशत की उछाल के साथ 3,206 करोड़ रुपये पर पहुंच गया, जो अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। वित्त वर्ष 2022-23 में खादी वस्त्रों का उत्पादन 2915.83 करोड़ रुपये रहा।
पिछले दस वित्तीय वर्षों में खादी वस्त्रों की मांग भी तेजी से बढ़ी है। वित्त वर्ष 2013-14 में जहां इसकी बिक्री सिर्फ 1,081.04 करोड़ रुपये थी, वहीं वित्त वर्ष 2023-24 में 500.90 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ यह 6,496 करोड़ रुपये तक पहुंच गई। वित्त वर्ष 2022-23 में 5,942.93 करोड़ रुपये के खादी वस्त्रों की बिक्री हुई। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा बड़े मंचों से खादी के प्रचार-प्रसार का खादी वस्त्रों की बिक्री पर व्यापक असर पड़ा है। पिछले वर्ष देश में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री ने जिस तरह से खादी का प्रचार-प्रसार किया, उससे विश्व समुदाय खादी की ओर आकर्षित हुआ है।
खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक से अधिक रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना है। केवीआईसी ने पिछले दस वर्षों में इस क्षेत्र में भी कीर्तिमान स्थापित किया है। वित्त वर्ष 2013-14 में जहां संचयी रोजगार 1.30 करोड़ था, वहीं 2023-24 में यह 43.65 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 1.87 करोड़ तक पहुंच गया। इसी तरह वित्त वर्ष 2013-14 में जहां 5.62 लाख नए रोजगार सृजित हुए, वहीं वित्त वर्ष 2023-24 में यह 80.96 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 10.17 लाख तक पहुंच गया। खादी वस्त्रों के निर्माण में 4.98 लाख ग्रामीण खादी कारीगर (कताई करने वाले और बुनकर) और श्रमिक भी कार्यरत हैं।
खादी एवं ग्रामोद्योग भवन, नई दिल्ली के कारोबार में भी पिछले दस वर्षों में अभूतपूर्व वृद्धि देखी गई है। वित्त वर्ष 2013-14 में जहां यहां कारोबार 51.13 करोड़ रुपये था, वहीं वित्त वर्ष 2023-24 में यह 87.23 प्रतिशत बढ़कर 95.74 करोड़ रुपये हो गया। वित्त वर्ष 2022-23 में खादी ग्रामोद्योग भवन नई दिल्ली का कारोबार 83.13 करोड़ रुपये रहा।
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