शीर्ष अदालत ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) से पराली जलाने से होने वाले वायु प्रदूषण को रोकने के लिए किये जा रहे उपायों पर जवाब मांगा है।
जस्टिस ए. एस. ओका और ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ इस मामले पर शुक्रवार को सुनवाई करेगी। पीठ ने वरिष्ठ अधिवक्ता अपराजिता सिंह के संबंधित मामले में उल्लेख के बाद आदेश पारित किया। वे दिल्ली में वायु प्रदूषण से संबंधित मामले में न्याय मित्र के रूप में अदालत की सहायता कर रही हैं। पीठ ने कहा कि चूंकि दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण के मुद्दे पर पर्यावरणविद् एम सी मेहता द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई शुक्रवार को होगी, इसलिए अदालत पराली जलाने पर सीएक्यूएम की प्रतिक्रिया देखना चाहेगी।
अधिवक्ता अपराजिता सिंह ने कुछ अखबारों की खबरों का हवाला देते हुए कहा कि दिल्ली के पड़ोसी राज्यों में पराली जलाना शुरू हो गया है। उन्होंने अदालत से सीएक्यूएम से इस मामले में स्पष्टीकरण मांगने का भी आग्रह किया है।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की अगली किस्त 2 अगस्त को जारी की जाएगी। इस संबंध…
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्पष्ट कहा है कि विश्व के किसी भी नेता ने उनसे…
मौसम विभाग ने आज बिहार, पूर्वी राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कुछ…
ऑपरेशन सिन्दूर पर लोकसभा में प्रधानमंत्री के वक्तव्य को सभी अखबारों ने प्रमुखता दी है।…
रूस के कामचात्का प्रायद्वीप में आज तड़के आठ दशमलव आठ तीव्रता का भूकम्प आया। इसका…
अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष ने भारत के आर्थिक वृद्धि दर अनुमानों में संशोधन किया है और वर्ष…