नेटवर्क प्लानिंग ग्रुप (एनपीजी) की 72वीं बैठक 12 जून, 2024 को नई दिल्ली में आयोजित की गई। उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) के अतिरिक्त सचिव राजीव सिंह ठाकुर ने बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में तीन महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के मूल्यांकन पर ध्यान केंद्रित किया गया। इनमें सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (एमओआरटीएच), रेल मंत्रालय (एमओआर) और आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय (एमओएचयूए) की एक-एक परियोजना शामिल है। इन परियोजनाओं को पीएम गतिशक्ति नेशनल मास्टर प्लान (एनएमपी) के सिद्धांतों के अनुरूप ढालने के लिए मूल्यांकन किया गया है। परियोजनाओं के मूल्यांकन और उनके संभावित प्रभावों में निम्नलिखित शामिल हैं:-
इस परियोजना में रफियाबाद से चामकोट तक एनएच-701 के 51 किलोमीटर लंबे खंड का निर्माण एवं उन्नयन शामिल है। ग्रीनफील्ड (14.34 किलोमीटर) और ब्राउनफील्ड (36.66 किलोमीटर) दोनों तरह के विकास के साथ इस परियोजना की लागत 1,405 करोड़ रुपये होने का अनुमान है। उन्नयन किया जाने वाला मार्ग कुपवाड़ा, चौकीबल और तंगधार जैसे गांवों के लिए कनेक्टिविटी को काफी बेहतर करेगा, रक्षा बलों के लिए रसद सहायता पहुंचाने में सुधार करेगा और स्थानीय लोगों को स्वास्थ्य, शिक्षा एवं कारोबारी अवसरों तक बेहतर पहुंच प्रदान करते हुए सामाजिक-आर्थिक स्थितियों को बेहतर करेगा।
आंध्र प्रदेश के तिरुपति जिले में गुडूर से रेनिगुंटा स्टेशनों के बीच तीसरी रेल लाइन के निर्माण में 83.17 किलोमीटर की लाइन शामिल है। इसका उद्देश्य मौजूदा डबल लाइन की क्षमता को बढ़ाना है। इस परियोजना की अनुमानित लागत 884 करोड़ रुपये है। इससे यात्री और माल ढुलाई कुशलता बेहतर होगी। इस परियोजना के लिए 36.58 हेक्टेयर भूमि की आवश्यकता होगी। बुनियादी ढांचे के उन्नयन में नए पुल, विस्तारित अंडरपास और उन्नत सिग्नलिंग सिस्टम शामिल होंगे। इससे क्षेत्रीय आर्थिक गतिविधियों को काफी बढ़ावा मिलेगा।
आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय की इस परियोजना का उद्देश्य पुणे में वनाज से रामवाड़ी तक मेट्रो कॉरिडोर के परिचालन का विस्तार करना है। इस परियोजना के तहत वनाज-रामवाड़ी मेट्रो कॉरिडोर के पूर्वी और पश्चिमी छोर पर दो लाइनों का विस्तार किया जाएगा। पश्चिमी छोर के विस्तार में वनाज से चांदनी चौक तक 1.12 किलोमीटर का एलिवेटेड सेक्शन शामिल है, जबकि पूर्व की ओर रामवाड़ी से वाघोली/ विट्ठलवाड़ी तक 11.63 किलोमीटर का एलिवेटेड सेक्शन है। इस एलिवेटेड मेट्रो कॉरिडोर की कुल लंबाई 12.75 किलोमीटर होगी और इसका निर्माण 3,757 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से किया जाएगा।
इस लाइन पर साल 2027 तक दैनिक सवारियों की संख्या बढ़कर 3.59 लाख तक पहुंचने का अनुमान है जो साल 2057 तक बढ़कर 9.93 लाख होने का अनुमान है। यह विस्तार मध्य पुणे को तेजी से बढ़ रहे उपनगरों से जोड़ेगा। इस प्रकार इससे यात्रा के समय में बचत होगी और सड़कों पर भीड़भीड़ को कम करने में मदद मिलेगी। इसके अलावा इस परियोजना से शहर के सार्वजनिक परिवहन बुनियादी ढांचे में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।
बैठक के दौरान सभी परियोजनाओं का मूल्यांकन उनकी एकीकृत योजना और पीएम गतिशक्ति नेशनल मास्टर प्लान (एनएमपी) के सिद्धांतों के लिहाज से किया गया। इसके तहत सामाजिक-आर्थिक लाभ, बेहतर कनेक्टिविटी, कम पारगमन लागत और दक्षता में सुधार जैसी बातों पर जोर दिया गया। इन परियोजनाओं का उद्देश्य मल्टीमॉडल एकीकरण को बढ़ावा देना और समग्र परिवहन एवं लॉजिस्टिक नेटवर्क को बढ़ाना है।
उम्मीद की जा रही है कि ये परियोजनाएं राष्ट्र निर्माण, परिवहन के विभिन्न साधनों को एकीकृत करने और पर्याप्त सामाजिक-आर्थिक लाभ के साथ-साथ जीवन की सुगमता को बेहतर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी। इससे क्षेत्र के समग्र विकास को बढ़ावा मिलेगा।
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