केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि भारत-संयुक्त अरब अमीरात का गठजोड़ मित्रता, संबंध और भाईचारे को दशक और उसके बाद तक के लिए परिभाषित करेगा। मंत्री ने यह वक्तव्य आज मुंबई में आयोजित संयुक्त अरब अमीरात-भारत व्यापार मंच में दिया। अबू धाबी के क्राउन प्रिंस, महामहिम शेख खालिद बिन मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान और संयुक्त अरब अमीरात के विदेश व्यापार राज्य मंत्री, महामहिम डॉ. थानी बिन अहमद अल ज़ेयौदी ने भी मंच को संबोधित किया।
पीयूष गोयल ने कहा कि भारत-संयुक्त अरब अमीरात की साझेदारी नवाचार, निवेश और सतत विकास के स्तंभों पर टिकी है। गणपति उत्सव के अवसर को ध्यान में रखते हुए, मंत्री ने कहा कि गणपति उत्सव के दौरान क्राउन प्रिंस का दौरा द्विपक्षीय संबंधों में एक नए अध्याय की शुभ शुरुआत का प्रतीक है।
पीयूष गोयल ने कहा कि साझेदारी का आगे आने वाले समय के लिए एक शानदार भविष्य है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, संयुक्त अरब अमीरात को भारत की विकास गाथा में एक महत्वपूर्ण भागीदार के रूप में देखते हैं। मंत्री ने कहा कि क्राउन प्रिंस का यह दौरा पिछले एक साल में छठा उच्च-स्तरीय दौरा है और यह साझेदारी का प्रमाण है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत-संयुक्त अरब अमीरात की साझेदारी दोनों पक्षों के दूरदर्शी नेतृत्व में बड़ा बदलाव देखेगी। उन्होंने आगे कहा कि यह बदलाव संयुक्त अरब अमीरात के 50 साल के विज़न और प्रधानमंत्री द्वारा परिकल्पित विकसित भारत@2047 परिवर्तनकारी यात्रा के अनुरूप है।
पीयूष गोयल ने व्यापार को बढ़ावा देने के लिए दोनों पक्षों द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की, जिसमें स्थानीय मुद्रा में भुगतान, दुबई के जाफज़ा (जेबेल अली मुक्त व्यापार क्षेत्र) में भारत मार्ट की स्थापना और व्यापार का विस्तार करने के लिए व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौता (सीईपीए) शामिल है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रौद्योगिकी और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) आगे की भागीदारी को चलाएगी। पीयूष गोयल ने हितधारकों को निवेश के अवसरों और व्यापार की संभावनाओं का पता लगाने के लिए प्रोत्साहित किया।
पीयूष गोयल ने संयुक्त अरब अमीरात के नेतृत्व के लिए क्राउन प्रिंस की सराहना की और क्राउन प्रिंस के नेतृत्व के चलते दिख रहे परिवर्तनकारी बदलाव की सराहना की। उन्होंने कहा कि भारत-संयुक्त अरब अमीरात के संबंध परिपक्व होकर एक ऐसा गठजोड़ बन चुके हैं जो कभी टूट नहीं सकता है। पीयूष गोयल ने राजघाट की क्राउन प्रिंस की यात्रा को ऐतिहासिक बताया क्योंकि क्राउन प्रिंस, तीसरी पीढ़ी के नेता हैं, जिन्होंने अपने पिता और दादा के बाद वहां एक पौधा लगाया।
मंच का विषय “सीईपीए से परे: नवाचार और भविष्य के लिए तैयार अर्थव्यवस्थाएँ” था, जिसे स्वास्थ्य सेवा, जैव प्रौद्योगिकी, नवीकरणीय ऊर्जा, स्थिरता आदि की क्षमताओं पर केंद्रित किया गया था।
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